भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से एक दुखद खबर सामने आई है. महिल वैज्ञानिक वलारमथी (valaramathi) का निधन हो गया. कार्डियक अरेस्ट से उन्होंने रविवार को आखिरी सांस ली. साइंटिस्ट वलारमथी वही थीं, जिन्होंने श्रीहरिकोटा में चंद्रयान-3 रॉकेट लॉन्च की उलटी गिनती में अपनी आवाज दी थी. वैज्ञानिक वलारमथी के निधन की खबर के बाद श्रद्धांजलि का दौर जारी है.
ISRO के पूर्व वैज्ञानिक पीवी वेंकटकृष्ण ने जताया दुख
वलारमथी के निधन पर ISRO के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर पीवी वेंकटकृष्ण ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उलटी गिनती के लिए वलारमथी मैडम की आवाज अब सुनाई नहीं देगी. चंद्रयान 3 उनका अंतिम काउंटडाउन था. बहुत दुख हुआ… प्रणाम….
The voice of Valarmathi Madam will not be there for the countdowns of future missions of ISRO from Sriharikotta. Chandrayan 3 was her final countdown announcement. An unexpected demise . Feel so sad.Pranams! pic.twitter.com/T9cMQkLU6J
— Dr. P V Venkitakrishnan (@DrPVVenkitakri1) September 3, 2023
प्रज्ञान रोवर को किया गया निष्क्रिय
23 अगस्त को, चंद्रयान -3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) – जिसमें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे, चंद्रमा की सतह पर उतरा, जिससे यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया. लैंडिंग ने देश को पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना दिया. इस बीच, इसरो ने शनिवार को कहा कि चंद्रमा पर प्रज्ञान रोवर को निष्क्रिय कर दिया गया है. अंतरिक्ष एजेंसी को उम्मीद है कि वह 14 दिन बाद इसे फिर से सक्रिय करेगी.
चांद पर हमेशा मौजूद रहेगा रोवर
रोवर दो पेलोड, अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) से लैस है. लैंडर के जरिए पृथ्वी पर डेटा संचारित करने वाले पेलोड बंद कर दिए गए हैं.
प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करने के लिए मिलकर काम कर रहे थे. APXS और LIBS पेलोड को चंद्र मिट्टी और चट्टानों की मौलिक और खनिज संरचना का विश्लेषण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यदि प्रज्ञान रोवर “सफल जागरण” (सफल रूप से सक्रिय) नहीं होता है, तो यह भारत के चंद्र राजदूत के रूप में हमेशा के लिए चंद्रमा पर रहेगा.