window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); रिश्वत मांगने वाले भ्रष्ट पटवारी को 4 वर्ष की सजा व जुर्माना - MPCG News

रिश्वत मांगने वाले भ्रष्ट पटवारी को 4 वर्ष की सजा व जुर्माना

सीमांकान के लिए 9 हजार रूपये लेते रंगे हाथ पकड़ाया पटवारी

उज्जैन। लोकायुक्त,उज्जैन द्वारा रिश्वत की मांग करनेवाले भ्रष्ट पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा गया था। मामला न्यायालय में पहुंचा था। माननीय न्यायालय ने आरोपी को 4 वर्ष की सजा एवं जुर्माना भरने के निर्देश दिए हैं।

लोकायुक्त डीएसपी बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष न्यायालयए भ्रष्टााचार निवारण अधिनियम जिला शाजापुर, नीतूकांता वर्मा के द्वारा आरोपी जमील खान पटवारी हल्का नंबर 17 जहांगीरपुरा, तहसील बडौद जिला आगर मालवा को दोषी पाते हुये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम- 1988 की धारा 7 में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रू के जुर्माने तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियमए 1988 की धारा 13-1बी सहपठित धारा 13-2 में चार वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रू के जुर्माने से दण्डित किया हैा।

जानकारी देते हुए लोकायुक्त जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने बताया किए आरोपी जमील खान ने पटवारी हल्का नंबर-17 जहांगीरपुरा, तहसील बड़ौद जिला आगर मालवा में लोक सेवक के पद पटवारी पर पदस्थ रहते हुए आवेदक शम्भु सिंह तथा शम्भु सिंह की माता कचरूबाई से रिश्वत की मांग की थी।

इनकी ग्राम जहांगीरपुरा स्थित 10 बीघा जमीन सर्वे क्रमांक 75/1/2.00 एवं 4 बीघा जमीन सर्वे क्रमांक 75/2/0.83 के सीमांकान करने हेतु 9 हजार रूपये रिश्वत की मांग की एवं उक्त कृषि भूमि का मई माह के अंतिम सप्ताह में सीमांकन करते समय 5 हजार रूपये की राशि प्राप्त की ।

तत्पश्चात 15 जून,2018 व 18 जून,2018 को सीमांकन की रिर्पोट प्रदाय हेतु 4 हजार. रूपये रिश्वत की मांग की। इसके चलते 19 जून, 2018 को दिन के 12.30 बजे से 12.50 बजे के मध्य शासकीय पटवारी कार्यालय, तहसील बड़ौद के पीछे बड़ौद में आवेदक शम्भुसिंह से 3 हजार रूपये रिश्वत राशि प्राप्त की।

लोकायुक्त पुलिस उज्जैन के द्वारा सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान विशेष न्यायालय शाजापुर में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी सचिन रायकवार, विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।

माननीय न्यायालय के समक्ष विशेष लोक अभियोजक ने लिखित में अंतिम तर्क भी प्रस्तुत किये। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया । प्रकरण में ट्रेप कार्यवाही बंसत श्रीवास्तयव लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन के द्वारा की गई थी।

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