सूझ-बूझ, साहस, स्वाभिमान और पराक्रम के साथ अद्भुत व्यक्तित्व के धनी थे छत्रपति शिवाजी महाराज —- संजय सिंह
जुन्नारदेव
छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिंदवी साम्राज्य के ३५० वर्ष पूर्ण होने,भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण के २५५० वर्ष तथा महर्षि दयानंद सरस्वती के अवतरण दिवस के २०० वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हिंदवी स्वराज ३५० वां वर्ष का आयोजन स्थानीय जायसवाल लॉन में किया गया। इस व्याख्यान माला के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष तथा क्रियान्वयन टोली के जिला संयोजक श्री संजय सिंह ने वीर छत्रपति शिवाजी महाराज पर विचार प्रस्तुत किए श्री सिंह ने बताया कि किस प्रकार चौतरफा मुगल आक्रांताओं से घिरे होने के बावजूद वीर शिवाजी महाराज ने किंचित भयभीत ना होकर डटकर उनका मुकाबला किया,औरंगजेब द्वारा बंदी बना लिए जाने के बावजूद कारावास से निकल गए वहीं ना सिर मुगलों का मुकाबला किया अपितु स्वयं के राज्य को मुगलों के आधीन ना होने देकर विषम परिस्थितियों में भी हिंदवी साम्राज्य घोषित किया,तथा हिंदू राजाओं का नेतृत्व कर छत्रपति कहलाए। तत्पश्चात श्रीमति शैल कौशल जैन द्वारा भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतो पर प्रकाश डाला। गौरतलब है कि भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण के २५५० वर्ष, दयानंद सरस्वती जी के अवतरण के २०० वर्ष तथा वीर शिवाजी के राज्याभिषेक तथा हिंदवी साम्राज्य के ३५० वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री दिलीप दर्यापुरकर ने की तथा कार्यक्रम संयोजक राकेश जैन, सहसंयोजक श्री अश्वनी गोदवानी, आयोजन समिति के श्री विशाल सकल्ले खंड कार्यवाह राधेश्याम ज्ञासवंशी समेत नगर के प्रबुद्धजन तथा विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।