जीवन में सत्संग वा शास्त्रों में बताए आदर्शो का श्रवण करना चाहिए/प्रसिद्ध कथा वाचक परम पूज्य गुरुदेव पं,हरिनारायण शास्त्री महाराज वृंदावन धाम
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
ग्राम नांदनबारा में संगीतमय श्रीमद भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन शुक्रवार प्रसिद्ध कथा वाचक परम पूज्य गुरुदेव पंडित हरिनारायण शास्त्री महाराज वृंदावन धाम ने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है। उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है। उन्होंने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया। श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के तीसरे दिन कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने जीवन में सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शों का श्रवण करने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध लोभ मोह हिंसा संग्रह आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। प्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य गुरुदेव पंडित हरिनारायण शास्त्री महाराज ने भागवत कथा के दौरान कपिल चरित्र सती चरित्र धु्रव चरित्र जड़ भरत चरित्र नृसिंह अवतार आदि प्रसंगों पर प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है। उन्होंने भगवत कीर्तन करने ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया। भजन मंडली की ओर से प्रस्तुत किए गए भजनों पर श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे। ग्राम नांदनबारा में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन प्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य गुरुदेव पंडित हरिनारायण शास्त्री महाराज वृंदावन धाम ने कहा कि वैराग्य मानव को ज्ञानी बनाता है। वैराग्य में मानव संसार में रहते हुए भी सांसारिक मोहमाया से दूूर रहता है। उन्होंने वाराह अवतार सहित अन्य प्रसंगों पर प्रवचन किए। इससे मुख्य यजमान रतन सिंह लोधी की ओर से पूजा-अर्चना की गई। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित परम पूज्य गुरुदेव पंडित हरिनारायण शास्त्री महाराज वृंदावन धाम ने भक्त नरसी मेहता के जन्म उनकी श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति सहित अन्य प्रसंगों पर प्रवचन किए