मुलताई। 25 प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण किए जाने आदेश के विरोध स्वरूप एवं एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की मांग को लेकर मुलताईं के अधिवक्ता 15 मार्च से 25 मार्च तक न्यायालयीन कार्य से विरत रहेंगे। जिसकी सूचना अधिवक्ता संघ मुलताईं द्वारा प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश शालिनी शर्मा सहित अन्य न्यायालयों में दी। बुधवार को मुलताई न्यायालय परिसर में अधिवक्ता संघ द्वारा आवश्यक बैठक का आयोजन कर अधिवक्ताओं से राय मशवरा कर निर्णय लिया गया कि जिला न्यायालय एवं अधिनस्थ न्यायालय में 25 प्रकरणों को लेकर समयबद्ध सीमा में निराकरण करने के उद्देश्य से प्रकरणों का ताबडतोड़ निराकरण किया जा रहा है। जिससे पक्षकारों का अहित होकर उन्हे एक माह में कई बार पेशियों पर उपस्थित होना पड़ रहा है।जिससे पक्षकारों पर आर्थिक बोझ बढ़ने के साथ-साथ उचित न्याय नहीं मिल पा रहा है एवं पक्षकारों के लिये पैरवी कर रहे अधिवक्तागणों पर लगातार हमले किये जा रहे है। इस संबंध में शासन से पिछले दो तीन वर्षो से लगातार अधिवक्तागण उनके लिए प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे है।लेकिन लगातार ज्ञापन देने के पश्चात भी शासन द्वारा इस पर अमल नही किया जा रहा है। जिससे अधिवक्तागणों में असुरक्षा एवं भय का माहौल बना हुआ है। इसलिए अधिवक्ता संघ मुलताई, जिला अधिवक्ता संघ बैतूल के आव्हान पर दिनांक 15 मार्च से से 25 मार्च 2023 तक अपनी मांगो के समर्थन में न्यायालयीन कार्य से विरत रहेंगे और अधिवक्ता संघ की मांगो पर अमल नहीं करने की स्थिति में अधिवक्ता संघ मुलताई पुनः न्यायिक कार्य से विरत रहकर न्यायालयों में पैरवी नही करेगे।इस दौरान अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सीएस चंदेल,वरिष्ठ अधिवक्ता कल्लू सिंह ठाकुर,प्रवीण माने, प्रमोद कोसे, अल्पना भार्गव,राजेश ठाकरे,गुणवंत निम्बूलकर,प्रशांत भार्गव,विनोद सिंह ठाकुर,श्रवण गुजरे सहित अधिवक्ता गण उपस्थित थे।