window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला: चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग हुए मर्ज - MPCG News

मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला: चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग हुए मर्ज

इन अन्य प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

भोपाल। राजधानी भोपाल में आज सीएम डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमे कई प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके तहत चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों को मर्ज कर दिया गया है। साथ ही बैठक में सिंचाई परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई और इन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।

बैठक में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

  • चिकित्सा और स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग हुए मर्ज।
  • मेडीकल कॉलेज और अस्पतालों की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास रहेगी।
  • माल और सेवाकर संशोधन अध्यादेश 2024 पर लगी मुहर।
  • 6 महीने के भीतर विधानसभा में बिल न आने पर दोबारा हुआ अनुमोदन।
  • मप्र आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के कुछ प्रावधानों में किया गया संशोधन।
  • आर्युवैदिक विश्वविद्यालय नर्सिंग और पैरामेडिकल की भी पढ़ाई करा सकेंगे।
  • वाणिज्य कर के समय सीमा वृद्धि की गई है।
  • पैरामेडिकल पाठ्यक्रम है उसको भी यूनिवर्सिटी को देने का प्रस्ताव है।
  • हर जिले में खोला जाएगा एक्सीलेंस कॉलेज, प्रदेश सरकार के खर्चे पर होगा काम।
  • जनजाति विभाग के अशासकीय शिक्षकों को छटवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।

इसके अलावा ड्रिंकिंग वॉटर के लिए रतलाम जिले में मांगुरिया जल प्रधान योजना को स्वीकृति मिली है। इससे ट्राइबल क्षेत्र के 1000 से ज्यादा ग्राम क्षेत्र प्रभावित होंगे। आदिवासी क्षेत्र के लोगों के घर में शुद्ध पानी पहुंचे इसके लिए इस योजना को स्वीकृति मिली है।

चिकित्सा और स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के मर्ज होने से मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों की जिम्मेदारी अब एक ही मंत्री के पास रहेगी। इसके अलावा माल और सेवाकर संशोधन अध्यादेश 2024 पर भी मुहर लगाई गई है। आर्युवैदिक विश्वविद्यालय मल्हारगढ़ लिफ्ट इरिगेशन परियोजना को स्वीकृति मिली है। अशोकनगर के मुंगावली में स्थित है परियोजना। जेपी बीना पावर कंपनी बेतवा नदी से लिफ्ट करेगी, इससे 26 गांवों के 7500 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। रतलाम के बैराज बांध पर भी मंझुलिया समूह जल परियोजना को मंजूरी मिली है। 1 हज़ार से ज्यादा आदिवासी गांवों को पीने का पानी मिलेगा। वहीं पुराने कॉलेजों को अपग्रेड किए जाने पर भी फैसला लिया गया है।

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