स्वच्छता की मिसाल देने में अव्वल सारणी नगर पालिका के कारनामें, पार्ट -1
सारणी/जीत आम्रवंशी, मध्यप्रदेश के दूसरे नम्बर पर आने वाली और बैतुल जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका सारणी जिनके अधिकारी जब स्वच्छता की मिसाल ऐसे देते हैं मानो इनके मुह से शहद टपक रहा हो। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री को कही पर कचरा दिख जाए तो स्वंय ही स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बन जाते हैं तो वही नगर पालिका जिनके कार्य क्षेत्र में यह स्वच्छता सन्देश के साथ शहर को स्वच्छ बनाने का कार्य किया जाता है। फिर भी इनको सिर्फ सम्मान मिल जाये इतना ही बहुत है, क्योंकि नगर पालिका में वर्षो से जमे अधिकारी सिर्फ सम्मान के मोहताज हैं।
दिया तले अंधेरा में तब्दील हो रही नगर पालिका
सारणी नगर पालिका के स्वच्छता शाखा प्रभारी स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। जी हां आपको बता दे सारणी नगर पालिका अंतर्गत वार्ड क्रमांक 2 राधाकृष्णन वार्ड में पानी की टंकी हैं जहाँ वर्षो से जमे कचरे के बीच मे कर्मचारियों को बैठा देते हैं। इतना ही नही कचरे के ढेर में कचरा गाड़ी को खड़ा कर दिया जाता है। बात सिर्फ इतनी नही पुराने से लेकर नया स्क्रैब भी यही छुपा दिया जता हैं ताकि की आम आदमी की नजर नही पड़े सके सिवाए स्वच्छता की मिसाल देने वाले अधिकारी के अलावा।
अब बात की जाए स्वच्छता की तो मिसाल देना पड़ेगा इस नगर पालिका के स्वच्छता शाखा प्रभारी की जो दिन में दस बार आना जाना करेंगे यहाँ तक कि कचरे की गाड़ी भी वही पार्क करेंगे लेकिन मजाल है जो फोकट में सफाई भी करा दे। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि कचरा सफाई तक तो ठीक है लेकिन कचरा उठाने से लेकर फेकने का काम भी ठेकेदारों के माध्यम से होता है। और जहाँ ठेका दिया गया है सिर्फ वही सफाई कर्मचारियों को भेज दिया जाता है।
बगैर शिकायत के वार्डो की सफाई नही होती
स्वच्छता सन्देश को अब सिर्फ बाजारों और सड़कों पर दिखाना बन गया है क्योंकि गली मोहल्लों में वार्डवासी जब तक उच्च अधिकारियों को शिकायत नही करते तब तक गली मोहल्लों को सफाई नही करवाती सारणी नगर पालिका। अब देखना यह होगा कि नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा स्वच्छ भारत अभियान में कितनी भूमिका निभाते है या फिर सिर्फ सम्मान लेकर मिठाई बाटते है।
(ब्यूरो रिपोर्ट_9691851267)