बैतूल खनिज अधिकारी सस्पेंड होने के बाद भी कर्मचारी में नही है सीएम का डर ?
क्या तीन पार्टनर और राजस्व, खनिज के साथ मिलकर कर रहे रेत की चोरी ?
कोयले के साथ रेत उत्खनन में भी अव्वल बना डुल्हारा
घोड़ाडोंगरी, गजेंद्र राजपूत। मध्यप्रदेश में जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अवैध माफियाओं पर कार्रवाई करने से नहीं चूक रहे हैं वही बैतूल जिले में बैठे अधिकारी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपापोती कर रहे हैं जिस तरीके से जिले में रेत का अवैध खनन चल रहा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है की रेत माफिया कैसे सक्रिय हैं । आपको बता दें कि कुछ ही दिन पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैतूल दौरे पर आए हुए थे जहां से उन्होंने खनिज विभाग के अधिकारी और कर्मचारी को भरे मंच से ही निलंबित कर दिया था क्योंकि उनके द्वारा गलत टेंडर की जानकारी दी गई थी और रेत के अवैध उत्खनन में भी कार्यवाही नहीं की जा रही थी जिसको लेकर काफी शिकवे शिकायतें जनता के बीच उत्पन्न हो रहे थे जिसके कारण मुख्यमंत्री ने कार्रवाई करते हुए खनिज अधिकारी को सस्पेंड कर दिया था । बैतूल जिले में रेत के अवैध कारोबार का भंडार हो चुका है रेत माफिया दिनदहाड़े बिना रेल्टी और बिना परमिशन के नदियों का सीना छलनी कर रहे हैं जिस को रोक पाने में राजस्व और खनिज विभाग नाकाम साबित हो रहे हैं . खनिज और राजस्व विभाग की मिलीभगत से जिस तरीके से घोड़ाडोंगरी तहसील के अंतर्गत रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है वह आम जनता से अब छुपा नहीं है . आपको बता दें कि तीन पाटनर की मिलीभगत से दुल्हारा क्षेत्र में नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है।
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राजस्व खनिज अधिकारी के संरक्षण में तीन पार्टनर बने रेत माफिया
घोड़ाडोंगरी के दुल्हारा गाँव का है जहाँ नदियों और रेत खदानों से तीन पार्टनर मिलके करोड़ो की रेत निकाल रहे है जी हाँ रेत चोर कोई और नही है सत्ता धारी पार्टी भाजपा नेता के नाम से प्रसिद्ध और दो नम्बरी काम मे नम्बर एक नामी व्यक्ति फगन मर्सकोले समेत और दो पार्टनर के साथ रेत निकालने में कामयाबी पा रहे है। पिछले एक सप्ताह से जोरो से रेत चोरी का काम करने वाले तीनो पार्टनर ने हद पार कर दी। और प्रशासन को लाखों नही करोड़ो का नुकसान करने में जुट गए।
नही होती खबर पर कार्यवाही ऐसा क्यों ?
आपको बता दे इतनी भारी मात्रा में रेत निकालकर भेजना वह भी दिन दहाड़े कोई छोटी सी बात नही है। क्योंकि दुल्हारा गाँव से निकलने वाली रेत घोड़ाडोंगरी के टोल टैक्स से होकर गुजरती है जहाँ साफ सीसीटीवी में देखा सकता है। इतनी बड़ी मात्रा में रेत निकलना मतलब की प्रशासन को लाखों नही करोड़ो का नुकसान पहुचाने के बराबार होगा। जिसको लेकर अधिकारियों के लगातार बयान सामने आ रहे है लेकिन कार्यवाही नही ऐसा क्यों ? क्या विभाग की संलिप्ति है जो खबर कहे या संज्ञान में रहने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होती ?
इनका कहना है-
भगवंत नागवंशी- खनिज निरीक्षक घोड़ाडोंगरी
आपके द्वारा जानकारी मिली थी तभी शनिवार की रात 3 बजे एसडीएम साहब और हमारी टीम गयी थी लेकिन रेत माफियाओं के सूत्र इतने तगड़े है कि हमारे हाथ कुछ नही लगने दिया।