पीड़ित युवक ने जांच की मांग को लेकर की एसडीएम से शिकायत
मुलताईं। नगर के निजी क्रिश हॉस्पिटल में दुर्घटना मे घायल एक युवक के हाथ का गलत उपचार करने के आरोप लगाते हुए एसडीएम से लिखित शिकायत के मेडिकल टीम गठित कर जांच की मांग है।पीड़ित युवक मोहनीश पिता महेश बरबड़े 34 साल निवासी नेहरू वार्ड मुलताईं ने बताया कि बीते 21 फरवरी 2023 को मोटरसाईकल फिसलने से उसके दाहिने हाथ के कंधे की नीचे की भूजा पर चोट लगी थी परिजनों द्वारा मुलताई स्थित क्रिश मेमोरियल हास्पीटल में भर्ती करवाया गया। जिसका ईलाज डॉ० अंकुश भार्गव के अनुसार किया गया बीते 23 फरवरी को आपरेशन कर सीधे हाथ की हड्डी में प्लेट लगाई गई मेरे नाम से आयुष्मान कार्ड होने के बावजुद भी हॉस्पीटल मेनेजमेंट द्वारा मेरे परिवार से 13 हजार 5 सौ रुपए की राशि ली गई एवं बताया कि नागपूर से डॉक्टर आते है इसलिये यह राशि देना अनिवार्य है। ऑपरेशन हो जाने के बाद उसे तीन दिन हास्पीटल के जनरल वार्ड में भर्ती रखा गया और 27 फरवरी को डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टर अंकुश भार्गव द्वारा बताये गये निर्धारित समय पर उसने हर बार ड्रेसिंग और दवाईयाँ ली और ड्रेसिंग एवं दवाईयों के राशि भी अदा की गई।आपरेशन के कुछ दिनों बाद उसके हाथ में दर्द उत्पन्न होने लगा तो वह 20 अप्रैल 2023 तक किश मेमोरियल हास्पीटल गया और डॉक्टर अंकुश भार्गव से परामर्श ली। लेकिन उसे बुखार एवं हाथ में निरंतर दर्द रहने के कारण परेशान एवं मानसिक तनाव से गुजरा तथा उसके परिजनों ने उसे वरूड (महाराष्ट्र) के डॉक्टरों को दिखाया तो डॉक्टर ने बताया कि इसमें मवाद (पस) बन रहा है आप किसी बड़े हास्पीटल में दिखाये नही तो हाथ काटने की नौबत आ सकती है।जिसके बाद तुंरत इंदौर के गोकुलदास हास्पीटल में दिनांक 24 अप्रैल 2023 को इलाज करवाया। मोहनीश ने बताया कि क्रिस मेमोरियल हास्पीटल में लगभग 62 दिन एवं इंदौर के गोकुलदास हास्पीटल में 80 दिनों से इलाज वालू है। आयुष्मान योजना की कितनी राशि खर्च हुई उसे आज तक डॉक्टर अंकुश भार्गव द्वारा नहीं बताया गया। उसके इलाज में आज तक 2 लाख 62 हजार रूपए नगद खर्च हो चुके है और अभी भी इलाज चालू है। वह एक अनुसूचित जाति गरीब परिवार से है एक प्राईवेट संस्थान में नौकरी करता था और अपने परिवार का पालन पोषण करने की जिम्मेदारी उस पर ही थीम मोहनीश ने शासन से क्षतिपूर्ति राशि दिलाने के साथ क्रिस मेमोरियल हास्पीटल के दोषी डॉक्टर पर कार्यवाही कर जिला मेडिकल बोर्ड से जांच करवाकर उसका इलाज करवाने की मांग की है।