हरि ॐ
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तीन दिनों तक चलने वाला संतान कामना एवं संतान हितार्थ जीवित्पुत्रिका ( जिउतिया) पर्व का शुभारंभ गुरुवार ५ अक्टूबर से होकर ७ अक्टूबर तक चलेगा। जिउतिया व्रत का प्रथम संयम नहाए खाए गुरुवार ५ अक्टूबर को है, ५ अक्टूबर को शेष रात्रि उपरांत और गुरुवार ६अक्टूबर की प्रातः सूर्योदय से पूर्व व्रत के निमित्त ओठगन (सरगही) किया जा सकता है, किंतु ओठगन तड़के ४: १० (चार बजकर दस मिनट )से प्रातः ५:३० (पांच बजकर तीस मिनट) के मध्य कर लेना चाहिए। शुक्रवार ६ अक्टूबर को जितिया का व्रत एवं पूजन है, पूजन हेतु शुभ मुहूर्त दिवा ११: १० (ग्यारह बजकर दस मिनट ) से दिवा १:०१ (एक बजकर एक मिनट )तक एवं दिवा ३:५९ (तीन बजकर उनसठ मिनट )से संध्या ५:२६ (पांच बजकर छब्बीस मिनट) तक है । जिउतिया व्रत का पारण शनिवार ७ अक्टूबर को होगा, मिथिला एवं अन्य क्षेत्रीय पंचांग के अनुसार दिवा १०:३१(दस बजकर इकतीस मिनट) के बाद और वाराणसी पंचांग के अनुसार दिवा १०:२१(दस बजकर इक्कीस मिनट) के बाद ही पारण किया जा सकता है।
सभी शुभेच्छु मित्रों को जितिया व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं।
रिपोर्टर मिलन पाठक