चैनपुर गौशाला में अल्प आयु में अल्प समय में गौ माता की मौत
मामला उच्च स्तर पर भेजा गया
बॉडी, श्री कृष्ण गौशाला चैनपुर नाम कितना सुंदर है लंबी चौड़ी
*दैनिक प्राईम संदेश*
*जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला रायसेन*
व्यवस्था है लगभग 100 इस गौशाला में रहती है लेकिन जब हमारे प्रतिनिधि ने इस गौशाला का निरीक्षण किया तो गौशाला में 10 गए और छोटी-छोटी गाय के बछड़े गौशाला में बीमारी से पीड़ित दिखाई दिए पूछने पर बताया गया कि यहां की व्यवस्था और डॉक्टरी उपचार करने डॉक्टर आते हैं या नहीं तो बताया गया कि कभी कभार आते हैं इंजेक्शन का डोज देखा चले जाते हैं जबकि अल्प आयु में और अल्प समय में लगभग तो दर्जन बच्चों की और गाय की मौत हो चुकी है लेकिन जिम्मेदार संस्था इस पूरे मामले में गंभीर नहीं है बड़ी लागत से बनाई गई गौशाला आज अपनी ही दुखड़े पर रो रही है यदि इस तरीके से देखा जाए तो जन्म के बाद बच्चों की मौत पर स्थानीय प्रशासन गंभीर नहीं ग्राम पंचायत के अंतर्गत यह व्यवस्था आती है लेकिन यहां की व्यवस्था देखने पर पता लगता है की पूरी व्यवस्था रामभरों से चल रही है जानकार बताते हैं कि इन दोनों जानवरों के ऊपर बे गा नामक बीमारी का प्रकोप चल रहा है लेकिन पशु अमला इन दोनों कुंभकरण की नींद में सो रहा है जबकि पूरे क्षेत्र में इस बीमारी के प्रकोप से अल्प समय में अल्प आयु में जानवर मौत की गाल में समा रहे हैं लेकिन पशु चिकित्सालय के कर्मचारी और अधिकारी पशु उपचार में निजी कार्य समझकर पशु मालिकों से दवाई और उपचार का पैसा लेते हैं जबकि शासन द्वारा भेजी गई दवाइयां बाजार में बेच दी जाती है पशु चिकित्सालय नाम मात्र के लिए अपनी रस्म अदायगी कर रहा है जबकि भारी भरकम आंवला और भारी भरकम वेतन के बाद भी कर्मचारी और पशु डॉक्टर फील्ड पर नजर नहीं आते ना डॉक्टर अपने कार्यक्षेत्र में रहते हैं और ना कर्मचारी यह बड़ी से आना जाना करते हैं कार्य क्षेत्र निवास की शपथ पत्र और ग्राम पंचायत का उपस्थिति पत्र मांगा जाए तो इन पशु चिकित्सालय के कर्मचारियों की असली चेहरा जनता के सामने आ जाएगा