window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); अखबारी पेपर का खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश - MPCG News

अखबारी पेपर का खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश

प्राइम संदेश कोरिया छत्तीसगढ़

संभाग है अजीमुदिन अंसारी

हेडलाइन

 

अखबारी पेपर का खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश

स्वास्थ्य के लिए नुकसान, उपयोग करने पर होगी कार्यवाही

 

कोरिया 04 अक्टूबर, 2023/जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग कोरिया एवं मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर ने खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग के लिए अखबार का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की और बताया कि अखबार की छपाई में उपयोग होने वाली स्याही में कई खतरनाक रसायनों एवं रजक की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने खाद्य कारोबारियों और लोगों से आग्रह किया है कि वे खाद्य पदार्थ की पैकेजिंग के लिए छपे हुए कागजों का उपयोग न करें, यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समाचार पत्र दैनिक जीवन में सूचना के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। न्यूनतम लागत होने के कारण खाद्य पदार्थों को लाने-ले जाने के लिए अक्सर छपाई के लिए उपयोग किए जाने वाले अखबारी कागज/पेपर का उपयोग किया जाता है। खाद्य पदार्थ लाने के लिए आमतौर पर खाद्य पदार्थों को अखबार में लपेटा जाता है, जिसका इस्तेमाल ज्यादातर दुकानों में किया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि दुकान वाले भोजन पैक करने के लिए और आम लोग घर पर भी तले हुए भोजन से अतिरिक्त तेल निकालने के लिये अक्सर अखबारी कागज/पेपर का उपयोग करते हैं, जो सेहत की दृष्टि से बहुत हानिकारक है। अखबार में खाद्य सामग्री के उपयोग किए जाने से भोजन में स्याही चला जाता है जो भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा को प्रभावित करता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है।

जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने लोगों और व्यापारियों से खाद्य पदार्थ की पैकेजिंग के लिए अखबार का इस्तेमाल नहीं करने का अनुरोध किया है। विभाग ने कहा कि है कि बार-बार समझाने के बाद भी कोई खाद्य कारोबारी न माने तो उसकी शिकायत इस विभाग में की जा सकती है अथवा दूरभाष 0771 2235226, 2511988 एवं ईमेल controllerraipur@gmail.com में भी जानकारी दी जा सकती है।

वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि अखबार की छपाई में प्रयुक्त स्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेड, डाइएन आइसोब्यूटाइलेट जैसे हानिकारक रसायन और कई तरह के हानिकारक रंजक होते हैं, जो तेल के साथ मिल जाते हैं और खाने के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इससे हमारे शरीर में पाचन संबंधी विकार, टॉक्सिसिटी, विभिन्न तरह के कैंसर, महत्वपूर्ण अंगों की विफलता तथा प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना जैसी कई बीमारियां होने की आशंका रहती है। होटल कारोबारियों से अपील करते हुए कहा कि अखबारी कागज का खाद्य सामग्री में उपयोग न करें, ऐसे करने की शिकायत मिलने पर कार्यवाही भी जाएगी।

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