क्या कमल पटेल के गृह क्षेत्र में चल रहे अवैध उत्खनन पर नही है नजर ?
सीएम शिवराज ने दिए समीक्षा बैठक में निर्देश के बाद भी हरदा में जारी अवैध उत्खनन
हरदा, ब्यूरो रिपोर्ट। अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए जारी हुए मुख्य सचिव खनिज संसाधन विभाग के आदेश को किस तरीके से जिले में बैठे कलेक्टर पुलिस अधीक्षक जिला वन अधिकारी जिला खनिज अधिकारी और जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि हवा में उड़ा रहे हैं इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मध्य प्रदेश के हरदा जिले में अवैध उत्खनन कितना हावी हो चुका है आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में बढ़ रहे अवैध उत्खनन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में जिला कलेक्टर और कमिश्नर के साथ कांफ्रेंस के दौरान खनिजों के अवैध उत्खनन और परिवहन में सख्ती से कार्यवाही करने के लिए जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वहीं अवैध उत्खनन पर रोक लगाएं।
परंतु हरदा जिले में दिन और रात पोकलेन मशीन और पनडुब्बियों से अवैध उत्खनन जारी है ऐसे में कैसे राज्य शासन को होने वाली राजस्व की हानि को रोका जा सकता है । जिस तरीके से हरदा जिले में रेत का अवैध उत्खनन मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए किया जा रहा है उसे ऐसा लगता है कि इन अधिकारियों पर सीएम के आदेश का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हरदा जिले में प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ियां अवैध उत्खनन नर्मदा नदी के अंदर से कर रहे है, जबकि हरदा जिले की रेत ठेका कंपनी किस्त भी नहीं भर रही है जिसको लेकर संचालनालय के द्वारा पत्र जारी कर ठेका निरस्त करने के लिए भी विचार किया जा रहा है ।
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हरदा जिलें की रेत ठेका कंपनी ने किया खनन, परिवहन, भंडारण और व्यपार का उल्लंघन
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क्या हरदा जिलें में अवैध उत्खनन करने वाली कंपनी का रेत ठेका होगा निरस्त ?
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नर्मदा नदी से अवैध उत्खनन करने वाली कंपनी पर कब होगी बड़ी कार्यवाही ?
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हरदा जिलें की रेत ठेका कंपनी उज्जवल चौहान अधिकृत देवेश देशमुख को जारी हुआ ठेका निरस्त करने का पत्र
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अवैध उत्खनन करने वाली हरदा रेत ठेका कंपनी आखिर क्यों नही भर रही शासन के पैसे ?
मध्य प्रदेश में रेत, खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार नियम का उल्लंघन करती हरदा जिले की रेत ठेका कंपनी उज्जवल चौहान अधिकृत व्यक्ति देवेश देशमुख के खिलाफ भौमिकी तथा खनिकर्म मध्य प्रदेश संचालनालय ने पत्र जारी कर ठेका निरस्त की कार्रवाई किए जाने का पत्र जारी किया है । आपको बता दे कि मध्यप्रदेश खनिज निगम के पत्र का हवाला देते हुए संचालनालय ने बताया कि उज्जवल चौहान ठेका कंपनी के द्वारा तय समय पर किस्त ना जमा करने के कारण मध्य प्रदेश रेत उत्खनन परिवहन एवं भंडारण नियम के तहत ठेका निरस्त करने का प्रस्ताव पेश किया गया है आपको बता दें कि रेत माफियाओं के द्वारा इसी प्रकार से मध्य प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाया जाता है जिसके बाद भी विभाग में बैठे अधिकारी आंखें बंद करके सोए रहते हैं । आखिर क्या कारण है कि बार बार क़िस्त की राशि नही जमा करने पर रॉयल्टी का पोर्टल बंद कर दिया जाता है फिर चालू कर दिया जाता है इस प्रकार के आँख मिचौली का खेल रेत ठेका कंपनी करते रहती है जिसके बाद भी विभाग के द्वारा किसी प्रकार का बड़ा एक्शन नही लिया जाता है । जबकि हरदा जिलें में लगातार रेत का अवैध उत्खनन दिन रात फोकलेन और पनडुब्बियों से किया जा रहा है जिसके बाद भी अधिकारी कार्यवाही करने से कतराते है ।