रानीपुर पुलिस थाना प्रभारी और कांस्टेबल द्वारा की गई अवैध वसूली की आईजी को हुई शिकायत
बैतूल पुलिस थाने में खाकी हुई दागदार, जानिए क्या है अवैध वसूली की सच्चाई ?
घोड़ाडोंगरी। मध्यप्रदेश पुलिस एक तरफ मानवता की मिसाल पेश करने लगी है तो दूसरे तरफ वही पुलिस इंसाफ दिलाने के नाम पर अवैध पैसे वसूल रही है। आखिर क्या गलती थी उस गरीब मजदूर के बेटे की जो उसे अपनी बाइक वापसी करने के लिए दस हजार रुपए की रकम चुकानी पड़ी।
दरअसल मामला बैतूल जिले के रानीपुर थाना की है जहां पदस्थ थाना प्रभारी मोहित दुबे और कांस्टेबल पूनम तिवारी के ऊपर दस हजार रुपए लेने के आरोप में लगातार शिकायत की जा रही है। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया कि मेरा पुत्र नितिन तुमडाम उसके अन्य तीन मित्रों के साथ अपने रिस्तेदार रामदास इवने निवासी ग्राम दूधावानी के घर दिनांक 27.05.2023 रात्रि लगभग 8 बजे गये थे। इसके बाद ग्राम दूधापानी से अपने घर सडकवाड़ा घर वापस आते समय ग्राम दूधावानी में कुछ अज्ञात लोगो द्वारा मेरे पुत्र नितिन एवं उसके साथीगणों को रास्ते में रोककर विवाद करने लगे और उनकी मोटरसाइकल अज्ञात लोगो द्वारा छीन ली गई। जिसकी सूचना मेरे रिस्तेदार रामदास इवने को लगते ही उनके द्वारा 100 नंबर पर काल करके पुलिस को मौके पर बुलाया गया।
पुलिस मौके पर आयी जिन्हे घटना की सारी जानकारी से अवगत कराया गया एवं पुलिस द्वारा छीनी हुई मोटर सायकिल वापस करवाई गई एवं पुलिस वालो ने कहा कि कल 11 बजे थाने आना दूसरे दिन दिनांक 28.5.2023 को जब हम थाना रानीपुर पहुंचे तो कांस्टेबल पूनम तिवारी ने मेरे पुत्र को थाना प्रभारी मोहित दुबे से मिलवाया और थाना प्रभारी से मेरा पुत्र मिला तो थाना प्रभारी ने कहा कि तुम 50 हजार रु. की व्यवस्था करों तब तुम्हारा केस रफा दफा होगा। इतनी बड़ी रकम सुनकर मेरे पुत्र ने थाना प्रभारी के हाथ पैर जोड़कर कहा कि साहब 50 हजार की रकम बहुत बड़ी है मेरे पिता जी मजदूरी का काम करते है और में इतना पैसा कहा से लाउंगा। तो थाना प्रभारी ने कहा कि तुम गरीब हो चल मै मान लेता हूँ लेकिन 10 हजार रू. तो तुम्हे देना ही पड़ेगा।
मेरा पुत्र चूँकि पुलिस से बहुत डरा हुआ था इसलिये मेरे पुत्र ने फोन लगाकर मुझसे कहा पापा पुलिस वाले को 10 हजार रू. थाने में देना है नही तो पुलिस वाले मेरे उपर केस कर देंगे। यह सुनकर मैंने मेरे रिस्तेदार से 10 हजार रु उधार लेकर पूनम तिवारी को दिलाने के बाद मेरे पुत्र को छोड़ा। चूँकि थाना प्रभारी मोहित दुबे एवं कांस्टेबल पूनम तिवारी से मैं काफी डरा हुआ एवं भयभीत होने के कारण मेरे द्वारा इस घटना की शिकायत आज दिनांक को की जा रही है।
इनकी कार्यशैली से हमारे क्षेत्र के आदिवासी समाज के लोग एवं अन्य समाज के लोग भी बहुत प्रताडित है कृपया मेरे पुत्र से 10 हजार रू. की अवैध राशि थाना प्रभारी मोहित दुबे एवं कांस्टेबल पूनम तिवारी द्वारा बसूली की गई है उसे वापस कराने तथा इनके उपर उचित कार्यवाही करने का कष्ट करें। ताकि भविष्य में मेरे किसी आदिवासी भाई बहन के साथ इस तरह की घटना दोबारा न हो। मामले की शिकाय नर्मदापुरम आईजी के पास की गई।