कन्हान एरिया जुन्नारदेव से स्थानांतरण की सूची जारी।
जुन्नारदेव राकेश कुमार बारासिया।
विगत समय में हो चुके चुनाव में छिंदवाड़ा जिले के सातों विधानसभा कांग्रेस के पाले में चली गई है। जिसके तहत कन्हान एरिया का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है कन्हान बचाओ मंच के द्वारा भरपूर अथक और अभिनव प्रयास पिछले काफी समय से कन्हान एरिये को बचाने के लिए किये जा रहे हैं जिससे कन्हान एरिया को बंद होने से बचाया जा सके। कन्हान बचाओ मंच द्वारा अनेका अनेक कार्यक्रम कर लोगों को कन्हान से जोड़ने एवं कन्हान एरिया को बचाने के लिए भरसक प्रयास किए गए लेकिन चुनाव मैं सातों विधानसभा में बीजेपी को मिली हार के बाद ही कन्हान एरिया खदान से स्थानांतरण का दौर जारी हो गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खबर यह है की मोयरी खदान से 250 कर्मचारियों को स्थानांतरित कर शारदा खदान भेज दिया गया है हेडक्वार्टर से आठ अन्य लोगों की भी सूची जारी हुई है जिसमें से कुछ नागपुर हेड क्वार्टर चले गए हैं और कुछ पेंच एरिया चले गए हैं जानकारी यह भी प्राप्त हो रही है की तानसी खदान में 250 लोगों को रोकने के बाद बाकी सभी को पाथाखेड़ा खदान के लिए स्थानांतरित किया जा सकता है डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल से भी तीन कर्मचारियों को स्थानांतरित कर दिया गया है जिसमें एक एक्सरे टेक्नीशियन दूसरा डाटा एंट्री ऑपरेटर और तीसरा जनरल मजदूर थे। क्षेत्रीय चिकित्सा अधिकारी अनुराधा बसु का भी मार्च 2024 में कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। उसके पश्चात देखना यह होगा की कन्हान एरिया का जनहित में कार्य करने वाला डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल अपना अस्तित्व बचा पाता है या नहीं। क्योंकि ऐसी आशंका जताई जा रही है कि धीरे-धीरे अस्पताल के कर्मचारियों को स्थानांतरित कर इस अस्पताल को भी बंद कर दिया जाएगा। अब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर में किसी भी प्रकार का एक्स-रे का कार्य नहीं किया जा सकेगा। वेलफेयर अस्पताल से कर्मचारियों को स्थानांतरित कर अस्पताल के बंद होने पर भी खतरा मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है। आगे देखना यह होगा की छिंदवाड़ा जिले में जीती हुई कांग्रेस की सरकार क्या कन्हान एरिए का अस्तित्व बचा पाएगी या जुन्नारदेव से कन्हान का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। कन्हान बचाओ मंच जुन्नारदेव के प्रयास का कोई प्रभाव अस्तित्व में नजर आता दिखाई नहीं दे रहा है संभवत छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस की जीत के बाद अब कन्हान एरिया अपना अस्तित्व खो देगा और इसके पश्चात जुन्नारदेव में बेरोजगारी अपने पैर पसार लेगी। और कन्हान से जुन्नारदेव की जो पहचान है वह भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी।