✅ 51 नगों से भरा गौवश का ट्रक राष्ट्रीय हिन्दू सेना ने पकड़ा कर बैतूल बाज़ार पुलिस को सौंपा
✅ राष्ट्रीय हिन्दू सेना को निरंतर मिल रही गौ माता की सेवा सुरक्षा करने का अवसर
✅20 किलोमीटर दूर तक दिया संगठन के सदस्यों को तस्करों ने चकमा कत्लखाने ले जाने से विफल गौवश तस्कर
✅ गौ शाला संचालक करते हैं गौवश को गौ शाला में ख़ाली करवाने के लिए प्ररेज गौ शाला संचालकों का कहना नहीं है गौवश रखने की व्यवस्था
आज- संगठन के प्रदेश संयोजक पवन मालवीय ने बताया की संगठन को सुचना प्रांत हुई थी एक सफ़ेद आईसर ट्रक में गौवश को भर कर बैतूल की और महाराष्ट्र कत्लखाने ले ज़ाया जा रहा है तभी गाड़ी को पकड़ने की रणनीति बनाई गई
विभाग अध्यक्ष दीपक कोसे ने बताया कि गौवश तस्करी की सुचना संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक मालवीय ने क़रीब सुबह 5:30 मिनट पर पुलिस कंट्रोल रूम बैतूल को दी बड़ी मेहनत के बाद गौवश से भरी आईसर ट्रक पकड़ने में सफलता हासिल हुई है गौवश से भरे ट्रक में दौ आरोपी चलतीं गाड़ी से गुद कर मिलानुपर टोल के पास से परार हो गए है
प्रदेश अध्यक्ष दीपक मालवीय ने बताया की हमने गाड़ी को भारत भारती फोरलाईन पर पकड़े के लिए एक टेक्टर को आडा किया तो गौवश से भरे ट्रक के चालक ने गाड़ी को तैजी से भगा कर मिलानपुर टोल की और लेजाने लगा तभी इसकी सुचना बैतूल बाज़ार पुलिस एवं साईखेडा पुलिस को दी गौवश तस्करों ने गौवश से भरी गाड़ी को संगठन के पदाधिकारियों को चतकमा देने के विचार से मिलानपुर से बैतूल एवं बैतूल से मिलानपुर के तीन चकर लगाए और बैतूल बाज़ार पेट्रोल पंप के पास चलतीं गाड़ी से कडेक्टर और हैलपर गाड़ी छोड़ फ़रार हो गए
प्रखंड अध्यक्ष सोफ्निल पवाँर ने बताया कि गाड़ी MH40,CM,8274 सफ़ेद कलर में कुर्ता पूर्व 51 नग गोवंश को भरा हुआ था जिसमें से 50 नग नरिये 1 नग गाय को पटिया लगाकर पाटिसन कर उपर निचे छली लगाकर भरा हुआ था गाड़ी के अपर नया त्रिपाल बधा हुआ था जिससे गाड़ी को कोई पहचान ना सके गौवश को माँ ताप्ती गौ शाला में संगठन के सदस्यों की मदद से सुरक्षित सौंपे गए हैं गाड़ी को बैतूल बाज़ार पुलिस को सौंप दिया गया है
नगर अध्यक्ष शनि साहू ने बताया कि राष्ट्रीय हिन्दू सेना निरंतर गोवंश की गाड़ियों को पकड़ कर पुलिस को सौंप रहा है लेकिन पुलिस और संगठन को पकड़ी गई गाड़ियों में ज गौवश होते हैं उन्हें गौ शाला में लाने के लिए मना किया जा रहा है यह मध्यप्रदेश की प्रदेश गौ शाला में शासन से फंड आता है फिर भी गौ शाला संचालकों को गौवश को रखने मे परेज हो रही है जिसमें संगठन और पुलिस को बड़ी दिक़्क़तों का सामना करना होता है