जुन्नारदेव राकेश कुमार बारासिया
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत केंद्र की योजना अनुसार पूरे भारत को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया है जिसके तहत बड़े-बड़े शहरों के साथ-साथ अंतिम छोर पर बसे ग्रामों में भी स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कई योजनाएं लागू की गई है जिनमे शौचालय निर्माण, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, दिव्यांग शौचालय, एवं ग्रामीण स्तर पर सभी ग्रामों में आसपास की गंदगी को साफ रखने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा नाडेप एवं कूड़ेदान बनाए गए हैं।
जिसके तहत घर में घर से निकलने वाले कचरो को कूड़ेदान में ही डालना है। लेकिन नाडेप एवं कूड़ेदान की स्थिति हाल ही में निर्मित होने के पश्चात भी इतनी खराब हो गई है कि थोड़े समय के पश्चात वह अपने में कचरा सामाने लायक बचेगी ही नहीं। घटिया क्वालिटी एवं निम्न स्तर के सामानों का उपयोग कर ग्राम पंचायत के नाडेप एवं कूड़ा घर बनाए गए हैं, जो थोड़े ही समय में क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिसकी वजह से आने वाले समय में स्वच्छ भारत मिशन का संकल्प अधूरा ही रह जाएगा और आसपास के वातावरण में गंदगी का अंबार लग जाएगा।
ग्राम पंचायत झोंत कला एवं ग्राम पंचायत सांगा खेड़ा में ऐसे ही बदहाल होते नाडेप एवं कूड़ादन दिखाई दे रहे है। जिस पर ग्राम पंचायत का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है ग्राम के विकास के लिए केंद्र एवं राज्य की योजना का सही लाभ एवं सही निर्माण कार्य होना जरूरी है जो की जुन्नारदेव की पंचायत में दिखाई नहीं देता। सभी निर्माण कार्य अपनी बदहाली का रोना रो रहे हैं और ग्राम विकास को ठेका दिखा रहे हैं।