window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); शासन के नियमों को दर किनार करता शिक्षक विश्वनाथ पाल, क्या नियुक्ति होगी निरस्त - MPCG News

शासन के नियमों को दर किनार करता शिक्षक विश्वनाथ पाल, क्या नियुक्ति होगी निरस्त

शासन के नियमों को दर किनार करता शिक्षक विश्वनाथ पाल, क्या नियुक्ति होगी निरस्त

26 जनवरी 2001 के बाद से जिन शिक्षक के हुए 2 से ज्यादा बच्चें, उनकी नियुक्ति हुई निरस्त

कोर्ट भी नही देता है इस नियम में कोई छूट

विश्वनाथ पाल शिक्षक प्राथमिक शाला से कैसे बने माध्यमिक शाला के कर्ता धर्ता

अविनाश सिंह की रिपोर्ट
9424050077

नर्मदापुरम /बैतूल । नर्मदापुरम संभाग के बैतूल जिलें की घोड़ाडोंगरी जनपद के अंतर्गत आने वाले गांव के स्कूल में शिक्षक के द्वारा शासन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए, कार्य रह रहे है, क्या इसकी जानकारी बैतूल के आदिमजाति कल्याण विभाग को है । क्या वर्ष 2001 के बाद जिनके 2 से अधिक संतान हुई उनकी नियुक्ति वैध है ? क्या बड़ी कार्यवाही करते हुए शिक्षक की नियुक्ति होगी अवैध ?

क्या है मामला
विश्वनाथ पाल शिक्षक प्राथमिक शाला मड़काढाना ग्राम पंचायत नूतनडांगा विकासखण्ड घोडाडोंगरी मे पदस्थ है, जिनके चार संतान है, विथिका, लिपिका, अलोक, सुब्रत, दो बालिका की शादी करा दी गई है, शेष दोनों बालक का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद का है। जबकि प्रदेश में दो नियम है जिसमे म.प्र. नवीन शिक्षक भर्ती अधिनियम 2018 के नियम ( 9 ) निरर्हताए उप नियम (5) अन्तर्गत जिन लोक सेवक के तीसरे जिवित संतान जिनमें से एक के भी जन्म 26 जनवरी 2001 या इसके पश्चात हुआ है, शासकीय सेवा में निरर्ह करने प्रावधान नही है। इस प्रावधान के अनुसार मध्यप्रदेश में सैकड़ों लोक सेवको का नियुक्ति रद्द किया जा चूका है परन्तु पाल किस स्तर से संरक्षित है वरिष्ठ स्तर से जाच की आवश्यकता है। कनिष्ठ अधिकारी स्तर से मिलीभगत का अहसास प्रतीत हो रहा है ।

एक और मामले में है गड़बड़ी

विश्वनाथ पाल के आकाओं के पकड़ की पहुंच इतना ऊंचा है की जिसे ऐसा समझा जा सकता है वर्ष 1997 में विश्वनाथ पाल का नियुक्ति प्राथमिक स्कूल मडका ढाना में गुरुजी के पद पर हुआ था।जो की अभी भी मडका ढाना स्कूल में पदस्थ हुए लखीपुर माध्यमिक स्कूल में पर्याप्त स्टाफ होने के बाबजूद प्रधान पाठक के प्रभार में है।जबकि नियम यह कहता है की प्रधान पाठक का प्रभार उसे दिया जाता है जो उसी समकक्ष हो ना की उससे निम्न योग्यता वाले को।जबकि विश्वनाथ पाल प्राथमिक स्कूल के शिक्षक है उन्हे कैसे मिडिल स्कूल के प्रभार में रखा गया जबकि उस स्कूल में प्रधान पाठक के समकक्ष शिक्षक है।

क्या कहना है ।

यह जानकारी देने के लिए उच्च अधिकारी को कॉल किया गया था, परंतु कॉल नही उठाया गया ।

शिल्पा जैन
आदिम जाति कल्याण विभाग बैतूल

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