मनोकामना पूरी होने पर खत्री परिवार ने किया सोलह सोमवार के व्रत का उद्यापन
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
वार्ड क्रमांक 9 उदयपुरा के पूर्व पार्षद हरि सिंह खत्री के घर पर हुआ 16 सोमवार का उद्यापन का कार्यक्रम जिसमें भगवान भोलेनाथ को अभिषेक किया गया जिसमें पंडित कपिल शास्त्री द्वारा विधि विधान से सोलह सोमवार के व्रत का उद्यापन खत्री परिवार के घर पर कराया जिसमे पूरा परिवार सहित रिश्तेदार एकत्रित हुए पंडित कपिल शास्त्री ने सोलह सोमवार के व्रत की जानकारी देते हुए बताई सोलह सोमवार व्रत का उद्यापन करने की आसान विधि सोमवार के व्रत का उद्यापन वैसे तो किसी भी सोमवार को किया जा सकता है लेकिन इसके उद्यापन के लिए सावन कार्तिक वैशाख ज्येष्ठ और मार्गशीर्ष मास के सभी सोमवार अति उत्तम माने जाते हैं. इस व्रत के उद्यापन में माता पार्वती और भगवान शिव के अलावा चंद्रमा की पूजा करने का भी विधान है मनोकामना पूरी होने पर व्रत का उद्यापन किया जाता है हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग सोमवार का व्रत रखते हैं. सोमवार के दिन भगवान शंकर की विशेष पूजा करने का और व्रत रखने का विधान है. लोग अपने घर परिवार की खुशियों के लिए और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए सोलह सोमवार या फिर अपनी मनोकामना पूरी होने तक सोमवार का व्रत करते हैं. ऐसा माना जाता है कि सोमवार का व्रत करने के लिए जितने दिन का संकल्प लेते हैं, उतने ही दिन इस व्रत को करना चाहिए इसके बाद जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तब सोमवार के दिन ही पूरी विधि विधान के साथ इस व्रत का उद्यापन करना चहिए. उदयपुरा के रहने वाले पंडित कपिल शर्मा के अनुसार
सोमवार व्रत के उद्यापन की विधि
–जिस दिन सोमवार के व्रत का उद्यापन करना हो उस दिन प्रात काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए
–इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से अच्छी तरह शुद्ध कर लें, इसके बाद पूजा स्थल पर केले के 4 पत्ते खंबे के रूप में लगाकर चौकोर मंडप स्थापित करें.
–चारों तरफ फूल और आम के पत्तों से मंडप को सजाएं.
–पूजा स्थल पर पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सभी सामग्री को रखकर पूर्व की तरफ मुख करके आसन बिछाकर बैठ जाएं.
–पूजा चौकी को मंडप के बीचो-बीच रखकर इस पर सफेद रंग का साफ-सवच्छ वस्त्र बिछाकर माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें.
–इसके अतिरिक्त पूजा चौकी पर किसी अन्य पात्र में चंद्रमा को भी स्थापित करें और पूजा शुरू करें.पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती पर फूल माला चढ़ाएं और पंचामृत का भोग लगाएं. साथ ही जल दूध दही शहद गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं.
–इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र धतूरा और भांग चढ़ाकर आरती करें.
–घर और पूजा में उपस्थित सभी लोगों को प्रसाद का वितरण करें
–पूजा के बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें
–ध्यान रहे उद्यापन वाले दिन आपको पूरे दिन में सिर्फ एक ही बार भोजन करना है और इस दिन यदि नमक का सेवन ना करें तो अति उत्तम होगा.