फिल्मी दुनिया के मशहूर गायक मुकेश चंद्र माथुर को उनके 38वें पुण्यतिथि पर कलाकारों द्वारा दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
जुन्नारदेव।
मुकेश की आवाज बहुत मधुर थी लेकिन उनके एक दूर के संबंधी मोतीलाल ने उन्हें तब पहचाना जब उन्होंने उसे अपनी बहन की शादी में गाते हुए सुना। मोतीलाल उन्हें बम्बई ले गये और अपने घर में रहने दिया। यही नहीं उन्होंने मुकेश के लिए गायन अभ्यास का पूरा इन्तजाम किया। इस दौरान मुकेश को एक हिन्दी फिल्म निर्दोष (१९४१) में मुख्य कलाकार का काम मिला। पार्श्व गायक के तौर पर उन्हें अपना पहला काम १९४५ में फिल्म पहली नजर में मिला। मुकेश ने हिन्दी फिल्म में जो पहला गाना गाया, वह था दिल जलता है तो जलने दे जिसमें अभिनय मोतीलाल ने किया। इस गीत में मुकेश के आदर्श गायक के एल सहगल के प्रभाव का असर स्पष्ट दिखाई देता है। 1959 में अनाड़ी फ़िल्म के ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी’ गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायन का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। १९७४ में मुकेश को रजनीगन्धा फिल्म में “कई बार यूँ भी देखा है” गाना गाने के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला।
१९७६ में जब वे अमेरीका के डेट्रॉएट शहर में दौरे पर थे, तब उन्हें हृदयाघात हुआ और उनकी मृत्यु हो गयी।
आज मुकेश चंद्र माथुर की पुण्यतिथि पर जुन्नारदेव के
स्वीट ड्रीम आर्केस्ट्रा के कलाकार एवं पंचशील कॉलोनी निवासियों ने कार्यक्रम आयोजित करके मुकेश चंद माथुर की पुण्यतिथि पर आकर्षक गीतों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का आरंभ पूर्व प्राचार्य साबिर अली किशोर सिंह ठाकुर ने दीप जलाकर एवं पुष्प अर्पित करके किया। मंच संचालन श्री महेश डेहरिया ने किया कार्यक्रम में जुन्नारदेव के मशहूर कलाकार आजाद महल डेहरिया राजू कमरे ज्योति चंदेल राकेश बरसिया संतोष धुर्वे किशोर ठाकुर तथा अन्य गायको ने मुकेश के गीतों पर अपनी शानदार प्रस्तुति देकर उन्हें याद किया एवं उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी अर्पित की।