अरे। देखो सरकार यह कैसा प्रतिबन्ध…. अमानक पॉलिथीन का हो रहा धड़ल्ले से उपयोग नगर पालिका परिषद की कार्रवाई कागजों तक सीमित
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
रायसेन। अरे। देखो डॉ मोहन सरकार पॉलिथीन का यह कैसा प्रबंध शहर में अमानत पॉलिथीन का उपयोग ढलने से हो रहा है अभी तक नगर पालिका और उसके हमले ने जो कार्रवाई की वह कागजी खानापूर्ति तक सिमट कर रह गई है। आम जनों की सेहत और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली अमानक पॉलिथीन पर शासन- प्रशासन ने इसकी बिक्री और निर्माण पर कागजों में रोक तो लगा दी है .लेकिन शक्ति पर इसकी बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लग सका नगर पालिका अमला। लापरवाही का आलम यह की रायसेन नगर पालिका परिषद सहित जिले के नगरी निकायों में जमा होने वाले 60 फीसदी कचरा अमानक पॉलिथीन का ही होता है। शहर की दुकानों पर भी पॉलिथीन की बिक्री सरेआम हो रही है लेकिन इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी और जनता के नुमाइंदे खामोश बने हुए हैं। जब जिम्मेदार ही मौन बने हुए हैं तो आखिर कार्रवाई कौन करेगा? गौतला विकी शासन प्रशासन ने माणिक पॉलिथीन के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है ऐसे में जिम्मेदारी अधिकारियों का यह फर्जी बनता है कि अमानक पॉलिथीन की बिक्री पर नजर रखी जाए और जिम्मेदार व्यापारियों पर जुर्माने की कार्रवाई की जाए।ताज्जुब की बात तो यह है कि सरकार ने आदेश जारी कर दिया है।तो फिर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी नगरीय निकायों का अमला इसके निर्माण और विक्रय पर रोक क्यों नहीं लगाता…यह एक विचारणीय प्रश्न है। जिसके चलते शहर की फुट का दुकानों पर हमारे पॉलिथीन की सप्लाई हो रही है ।चाहे मिठाई की दुकान हो या फिर फुटकर सब्जी फलों की दुकान या अन्य खाद पदार्थ की सामग्री की दुकान किराना दुकान पर सामग्री को अमानक पॉलिथीन में ही भर कर दिया जा रहा है। प्लास्टिक के आनक डिस्पोजल का निर्माण और बिक्री शहर में धड़ल्ले से हो रही है। यह सभी को मालूम है। नगरी निकायों के अधिकारी और हमला दिखाने के लिए कुछ दुकानों पर कागजी खाना पूर्ति करते हैं।लेकिन सख्ती से प्रतिबंध नहीं लगाते।
दुकान के बाहर कागज और प्लास्टिक के डिस्पोजल की बिक्री धड़ल्ले से
शहर की दुकानों के बाहर कागज और प्लास्टिक पॉलिथीन से बने डिस्पोजल की बिक्री चोरी छुपे हो रही है दिखावे के लिए कागज से निर्मित सामग्री रखी रहती हैं और दुकान के अंदर अमानक पॉलिथीन बने मटेरियल रख देते हैं इनकी बिक्री आराम से की जाती है। शहर में डिस्पोजल का कारोबार करने वाले कारोबारी कागज अमानक प्लास्टिक से बने सामग्री की बिक्री करते हैं।नपा अमले को यह सबकुछ जानकारी भी है।लेकिन जानबूझकर कोई अमानक पॉलीथिन जब्त की कार्रवाई को अंजाम नहीं देते। मवेशियों की मौत बन रही वजह
प्लास्टिक की पॉलिथीन में खाद्य सामग्री भरकर फेंक देते हैं उन्हें मवेशी खा जाते हैं जो उनकी मौत का कारण बनते हैं। यह पॉलिथीन मवेशियों की आहार नली और सांस नली में गुच्छे के रूप में फंस जाती है। जिससे कुछ दिन बाद पशुओं की धीरे-धीरे मौत हो जाती है। रायसेन नगर पालिका परिषद सहित जिले की नगरी निकायों में पशुओं के मौत के हजारों मामले सामने आ चुके हैं ।लेकिन फिर भी जिम्मेदार नींद से नहीं जागे हैं।