window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); थमने का नाम नहीं ले रहा बीईओ कार्यालय सिलवानी में भ्र्ष्टाचार अगर घोटाले की परत दर परत सही जांच हो जाए तो उजागर हो सकता है बड़ा गबन - MPCG News

थमने का नाम नहीं ले रहा बीईओ कार्यालय सिलवानी में भ्र्ष्टाचार अगर घोटाले की परत दर परत सही जांच हो जाए तो उजागर हो सकता है बड़ा गबन

थमने का नाम नहीं ले रहा बीईओ कार्यालय सिलवानी में भ्र्ष्टाचार अगर घोटाले की परत दर परत सही जांच हो जाए तो उजागर हो सकता है बड़ा गबन

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

रायसेन/सिलवानी। सिलवानी नगर में विकास खण्ड शिक्षा विभाग को लेकर करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है।अगर इस भ्र्ष्टाचार की परत दर परत जांच पड़ताल हो जा3 तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।इसके बाद फिर भी यहां के बाबुओं पर एफआईआर दर्ज कराने में मजबूर हुए जिला शिक्षाधिकारी पर आखिर सत्ताधारी सरकार के किस बड़े नेता का दबाव है।
एक के बाद दूसरा और दूसरे के बाद तीसरा, घोटालों का अंत ही नहीं हो रहा है। यहां हम बात कर रहे हैं रायसेन जिले के सिलवानी के विकासखंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर की,।जहां पर भ्रष्टाचारों का अंत ही नहीं हो रहा है। पिछले दिनों लगभग एक करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद अभी तक किसी भी क्लर्क के खिलाफ एफ आई आर दर्ज नहीं कराई गई है ।जबकि घोटाले की जांच के बाद कलेक्टर अरविंद दुबे द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक को इन घोटालेबाज बाबुओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिए गए थे। यह मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि दूसरा मामला विकासखंड शिक्षा अधिकारी नरेश रघुवंशी द्वारा फर्जी खरीद के बिल लगाकर लाखों रुपए की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है।जिसका खुलासा होने के बाद एक जांच समिति बना दी गई ।लेकिन उस जांच समिति ने अभी तक इस मामले को देखना भी मुनासिब नहीं समझा। वैसे घोटाला और नरेश रघुवंशी का संबंध चोली दामन का रहा है। यह प्रारंभ से ही विवादित रहे है और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। भ्रष्टाचार से अर्जित इनकी चल अचल संपत्ति की जांच की जाए तो करोड़ों की संपत्ति उजागर हो सकती है। अटैचमेंट हो, अतिथि शिक्षक की बाबूगिरी और नियुक्ति का मामला हो या आउटसोर्सिंग से कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति, सभी में भ्रष्टाचार की सीमाओं को पार किया गया है। सिलवानी विकासखंड के हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की गई है।
बताया जाता है कि कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्तियां आउटसोर्सिंग के माध्यम से हुई है और यह सभी नियुक्तियां विकासखंड शिक्षा अधिकारी रहते हुए नरेश रघुवंशी ने कराई हैं। अगर इन कंप्यूटर ऑपरेटर की पारदर्शी तरीके से वास्तविक परीक्षा ली जाए ।तो इनमें से आपको अधिकतर लोग ऐसे मिल जाएंगे जिन्हें कंप्यूटर चालू करना भी नहीं आता है। लेकिन इसके बाद भी कंप्यूटर ऑपरेटर के नाम का लाखों रुपए का वेतन लेकर यह सालों से सरकार को चूना लगा रहे हैं और यह सब हो रहा है भ्रष्टाचार के मसीहा नरेश रघुवंशी के संरक्षण में। जिन कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्तियां हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में की गई हैं उनमें से अधिकतर तो ऐसे हैं जो आज तक कभी स्कूल ही नहीं गए। स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों या किसी अन्य बाबूगिरी कर रहे ने अपनी पत्नी या अपने रिश्तेदारों को कंप्यूटर ऑपरेटर बनवा दिया है और वह खुद उनके बदले काम कर रहे हैं। ऐसे मामले कई बार और उजागर भी हो चुके हैं इसके बाद भी इन सभी मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सिलवानी के विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामलों को देखकर ऐसा लगता है की ऊपर से ही अधिकारी इन भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के प्रयास में लगे रहते हैं। क्योंकि कोई भी अधिकारी इतना बड़ा भ्रष्टाचार ऊपर वालों की मर्जी के बिना नहीं कर सकता। हो सकता है ऊपर भी कुछ मोटी रकम का हिस्सा पहुंच जाता हो।

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