चौकीदार के भरोसे चल रहा छात्रावास,
छात्रावास अधीक्षक की मनमानी चरम पर
प्राइम संदेश सीधी,
राजेश सिंह गहरवार
सरकार आदिवासियों के उत्थान के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है। वही आदिवासियों के शिक्षा दीक्षा को लेकर भी कई योजनाएं संचालित किए हुए हैं। आदिवासी बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा एवं छात्रावासों के माध्यम से उनके रहने एवं खान की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही प्रशासनिक तंत्र एवं सरकार आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई प्रकार के कार्यक्रमों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। लेकिन उन योजनाओं पर स्थानी कर्मचारियों द्वारा पानी फेरा जा रहा है। ताजा मामला मझौली विकासखंड के बालक छात्रावास नौढिया का सामने आया है। जहां पर पदस्थ अधीक्षक अनुपम चतुर्वेदी के मनमानी के कारण आदिवासी बच्चे घुट घुट कर जीने पर मजबूर हैं।अधीक्षक के मनमानी के कारण छात्रावास के बच्चों को सही से नाश्ता व मध्यान भोजन भी नहीं मिल पा रहा है । मीडिया द्वारा छात्रावास में जाकर बच्चों से जानकारी ली गई तो बच्चों के द्वारा बताया गया कि नहाने के लिए कई लड़कों के बीच में 10 ग्राम का साबुन दे दी जाती है, और उसे महीने भर चलने के लिए बोला जाता है । नाश्ते में नमकीन और पोहा देकर खाना पूर्ति कर दी जाती है ।वही अधीक्षक हफ्ते में एक-दो बार, पांच मिनट के लिए छात्रावास आते हैं। बाकी छात्रावास में चौकीदार और बच्चे ही रहते हैं । छात्रावास अधीक्षक अनुपम द्विवेदी कभी भी छात्रावास में नहीं रहते हैं। अधीक्षक ज्यादातर अपने कार्यो में ही व्यस्त रहते हैं। जिसके कारण बच्चों को सही से खाने-पीने एवं छात्रावास में बच्चों को सही से शिक्षा भी प्राप्त नहीं हो रही है । राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण नौढिया अधीक्षक की मनमानी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। किसी प्रकार की अपनी घटना होने पर जिम्मेदार छात्रावास में नहीं होते हैं।वहीं वरिष्ठ अधिकारियों को कभी भी समय नहीं मिलता है कि अपने दफ्तरों से उठकर छात्रावासों की कभी-कभार जांच करें, जिससे बच्चों को उचित सुविधाएं प्राप्त हो सके। वही आपको बता दें जिले में बैठे अधिकारी द्वारा कहीं ना कहीं अधीक्षकों को भरपूर संरक्षण प्रदान किया जाता है, जिसके कारण अधीक्षक मनमाना होकर खुलेआम घरों में बैठकर अधीक्षकी कर रहे हैं।
इनका कहना है:-
हम छात्रों और चौकीदार के अलावा छात्रावास में कोई नहीं रहता है, अधीक्षक छात्रावास में नहीं रहते हैं।
आशीष सिंह छात्र
अधीक्षक छात्रावास में नहीं रुकते है दिन में थोड़ा समय के लिए आते हैं। खाना पूर्ति करके चले जाते हैं।हमने नोटिस के जरिए समय से छात्रावास में रहने एवं आने के लिए उनको कहा, लेकिन यहां कोई सुनने वाला नहीं है। वह मन मर्जी तरीके छात्रावास चलाते हैं।
यज्ञभान सिंह हेडमास्टर
बालक पीएस आश्रम शाला नौढिया