पहले भी झेल चुके है सस्पेंड की कार्रवाई
आखिर महिला बाल विकास के किस उच्च अधिकारी का मिल रहा संरक्षण ?
कलेक्टर साहब निष्पक्ष जांच के लिए महिला बाल विकास नहीं, कलेक्टर कार्यालय का अधिकारी नियुक्त कर जांच हो

बैतूल/चिचोली। महिला एवं बाल विकास पर कलंक बने आमला में हुई फर्जी भर्ती के मास्टरमाइंड चयेन्द्र बुड़ेकर के बिगड़े बोल कहा कलेक्टर मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते है। जबकि उनकी इन्हीं हरकतों के चलते फर्जी भर्ती मामले में इन्हें विभाग से सस्पेंड की कार्रवाई की गाज गिर चुकी है। क्या चिचोली परियोजना में सीडीपीओ के पद पर रहते हुए प्राइवेट ब्लॉक कोऑर्डिनेटर विवेक भारद्वाज के साथ मिलकर नोटिस घोटाला कर जमकर माल पीट रहे थें। मामला हमारे संज्ञान में आते ही 29 अप्रैल को हमारे द्वारा (कलेक्टर साहब चिचोली सीडीपीओ बूढ़ेकर और बीसी विवेक के संरक्षण में चल रहा नोटिस उद्योग, दो माह में बने लखपति, पैसे कमाने की चाह में सीडीपीओ की घटिया हरकत दो माह में 70 कार्यकर्ता, सुपरवाइजर को नोटिस बना जांच का विषय) समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद आनन-फानन में पहले बीसी विवेक भारद्वाज 28 अप्रैल और बाद में भ्रष्टाचारी सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर 29 अप्रैल को छुट्टी लेकर अपने कार्य स्थल से नौ दो ग्यारह हो गए थें। जिसके बाद हमारे द्वारा 6 मई को हमारे द्वारा दोबारा फॉलो अप के माध्यम से ( कलेक्टर साहब इधर नोटिस घोटाले में जवाब देने में मुंह छुपा रहें चिचोली सीडीपीओ चयेन्द्र बुड़ेकर ) की खबर प्राथमिकता से प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद बताया जा रहा है कि खबर पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने नोटिस घोटाले में जांच कर प्रतिवेदन मांगा था। हमारे विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि कलेक्टर द्वारा प्रतिवेदन मांगने पर मास्टरमाइंड चयेन्द्र बुड़ेकर ने अपना फर्जी दिमाग दौड़ते हुए प्रतिवेदन में गलत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की कार्रवाई कर कलेक्टर को गुमराह करने का प्रयास की योजना बनाई।
इतना ही नहीं एक सप्ताह पहले कलेक्टर कार्यालय मीटिंग में पहुंचे चिचोली परियोजना प्रभारी चयेन्द्र बुड़ेकर और मीटिंग के बाद, अपनी गिरती हुई इज्जत को पाक साफ बताने के लिए लोगों को मुस्कुराते हुए कहने लगे कलेक्टर साहब से बात हो गई है, किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होगी न मेरे पर न ही विवेक पर कलेक्टर से नोटिस घोटाले मामले में फाइनल बात कर ली है, उन्होंने कहा कुछ नहीं होगा आप जिले में अच्छा कार्य कर रहे हैं। इसके बाद यह बात उड़ती हुई जिलेभर में फैल गई।
जब मीडियाकर्मियों ने इस संबंध में उनसे चर्चा की तो उन्होंने कहा कलेक्टर साहब मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते मेरी बात भोपाल तक है। ऐसी स्थिति में जिले के ईमानदार कलेक्टर को नोटिस घोटाले में निष्पक्ष जांच के लिए महिला बाल विकास से जांच अधिकारी नियुक्त न करते हुए स्वयं कलेक्टर कार्यालय से जांच अधिकारी नियुक्त कर मामले की जांच करानी चाहिए जिससे मामला दूध का दूध और पानी का पानी की तरह स्पष्ट हो जाए की किस तरह फरवरी और मार्च माह में करीब 70 कार्यकर्ता सुपरवाइजर को नोटिस देकर किस तरह पैसों की उगाई की जा रही थी। मामले में निश्चित ही हमारी खबर पर मोहर लगते हुए नोटिस घोटाले में चिचोली परियोजना प्रभारी चयेन्द्र बुड़ेकर और महिलाओं पर बुरी नजर रखने वाले बीसी विवेक भारद्वाज पर विभागीय कार्रवाई की जांच गिरेगी। अब देखना है कि कलेक्टर साहब इस मामले को संज्ञान में लेकर क्या उचित जांच कर कार्रवाई करवाते हैं।
इनका कहना है –
(1) इस मामले में इनके दूरभाष पर संपर्क किया लेकिन पत्रकार का नंबर देख कॉल रिसीव नहीं किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास बैतूल
(2) मुझपर लगाए गए आरोप गलत है। मै सिर्फ बीसी में गया था, मेरी बात किसी से नहीं हुई।
सीडीपीओ, महिला बाल विकास केंद्र चिचोली