window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); असम की कामाख्या देवी के समान है प्राचीन देवी मठ देवी की महिमा निराली:तांत्रिक प्रतीकों से सुसज्जित प्राचीन मठ की अधिष्ठात्री देवी जगदंबे अदभुत चमत्कारों के लिए विख्यात है,देवी मां की शक्तिपीठ में पुजारी का कटा हुआ सिर जुड़ जाता है - MPCG News

असम की कामाख्या देवी के समान है प्राचीन देवी मठ देवी की महिमा निराली:तांत्रिक प्रतीकों से सुसज्जित प्राचीन मठ की अधिष्ठात्री देवी जगदंबे अदभुत चमत्कारों के लिए विख्यात है,देवी मां की शक्तिपीठ में पुजारी का कटा हुआ सिर जुड़ जाता है

असम की कामाख्या देवी के समान है प्राचीन देवी मठ
देवी की महिमा निराली:तांत्रिक प्रतीकों से सुसज्जित प्राचीन मठ की अधिष्ठात्री देवी जगदंबे अदभुत चमत्कारों के लिए विख्यात है,देवी मां की शक्तिपीठ में पुजारी का कटा हुआ सिर जुड़ जाता है
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

रायसेन/जामगढ़ भगदेई।शारदीय नवरात्रि पर्व की इन दिनों चौतरफा धूम मची हुई है।देवी भक्त भी मां के प्राचीन शक्तिपीठो पर चमत्कारों को देखने उन्हें जीवन में महसूस करने के लिए परिवार सहित दर्शन पूजन आरती के लिए पहुंच रहे हैं।रायसेन जिले के बरेली ब्लॉक के कस्बा खरगौन की जामगढ़ भगदेई गांव की मां भगदेई के नये नये अद्भुत चमत्कार और महिमा काफी निराली है।विभिन्न तांत्रिक शक्तियों और प्रतीकों से सुसज्जित प्राचीन मठ की अधिष्ठात्री देवी मां कामाख्याअपने चमत्कारों के लिए जिले में बेहद विख्यात है।विष्णु महापुराण में इतिहास उल्लेखित है।पंडित कमल याज्ञवल्क्य ने बताया कि तांत्रिक साधना के साधकों के लिए यह धार्मिक देवी मठ आसाम की प्रसिद्ध देवी मां कामाख्या शक्तिपीठ जैसा ही है।इतिहास और पुरातत्व के विद्वानों के मुताबिक कभी यह क्षेत्र बड़े तीर्थ के रूप जाना जाता था।
देवी मां के चरणों में चढ़ाते थे पुजारी शीश
विंध्याचल पर्वत की तलहटी में तालाब के किनारे स्थित प्राचीन देवी मठ मैं प्रवेश करते ही अद्भुत अनुभव चमत्कार होने लगते हैं।दशकों से मंदिर पुजारी का काम कर रहे पंडित महेंद्र शर्मा बताते हैं किवन्दन्ति के अनुसार इस कामाख्या देवी मठ में सैकड़ों वर्ष पहले ऐसे पुजारी पूजा अर्चना औरकठिन जप तप साधना करते थे।अपनी उपासना के तप बल से हवन में अपना सिर काटकर बार बार आहुतिमें देवी मां के श्री चरणों में डालते थे।लेकिन कामाख्या देवी की कृपा से शीश पुनः धड़ से जुड़ जाता था।इस प्राचीन देवी कामाख्या के प्राचीन शक्तिमठ के चमत्कार के लिए जाने जाना लगा है।
भाव के अनुरूप है भगदेई कामाख्या देवी मां भवानी
पंडित सुजय शर्मा चित्रकूट धाम के विद्वान पंडित व रिटायर्ड प्रोफेसरचन्द्रदत्त त्रिपाठी प्रॉफेसर पंडित जयराम त्रिपाठी ने बताया कि भगदे ई के एक धार्मिक समारोह मेंअप्रैल 1995 में जगद्गुरु शंकराचार्य पंडित महंत स्वरूपा नन्द सरस्वती महाराज ने कहा था मां कामाख्या देवी की विशेषता है कि यह भक्तों के भाव के अनुरूप हो जाती हैं।

Related posts

बिजली की समस्यायों को लेकर नागरिकों ने किया चक्काजाम पूर्व कैबिनेट मंत्री रामपाल सिंह मौके पर पहुंचे

MPCG NEWS

शिक्षक शरद कुमार शिववेदी को शिक्षा रत्न से सम्मान किया गया उत्तर प्रदेश सहारनपुर जनपद के ग्लोकल विश्वविद्यालय मिर्जापुर में आयोजित हुआ अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन |

MPCG NEWS

करोड़ों की लागत से हो रहा रायपानी में घटिया ओवरब्रिज निर्माण

MPCG NEWS

Leave a Comment