संतश्री श्रीराम बाबा के देहावसान पर उनके पार्थिव देह को दी नर्मदा नदी में जल समाधि
रायसेन । रायसेन जिले की
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
उदयपुरा बौरास नर्मदा घाट पर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने बाले संत श्रीश्री 1008 परमहंस श्रीराम बाबा ने 108 साल की उम्र में देह त्याग दिया। श्रीराम बाबा कोउनके परमसंतों और शिष्यों ने उनकी अंतिम इच्छानुसार पवित मोक्षदायीयनी नर्मदा नदी के जल में समाधि दी गयी।उनके हजारों भक्त अंतिम यात्रा में हुए शामिल ।इस मौके पर प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भी आश्रम पहुंचे। और संत श्रीराम बाबाजी के चित्र पर माल्यर्पण कर उनकी आरती उतारी। कहा जाता है श्रीराम बाबा के बारे में कई किवदन्तियां है । नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बताया कि बाबा जी टपरिया वालेले घरों में जाते थे और उनके अटरिया बन जाती थी।वह गरीब दीनहीन परिवारों के सेवाभाव में हमेशा लगे रहे।कहते थे कि गरीबों की सेवा उनको भोजन कपड़े पहना दिए तो साक्षात ब्रम्ह और विष्णु हरि के दर्शन हो जाते हैं।
परमहंस श्री श्री 1008 श्रीराम बाबाजी का देह त्याग बौरास नर्मदा तट स्थित बगीचा में हो गया। मध्यप्रदेश गुजरात राजस्थान महाराष्ट्र हरियाणा, छत्तीसगढ़ समेत भारत के कई राज्यों में उनके परम् प्रिय भक्त अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे। परमहंस श्रीराम बाबा पूर्ण विरक्त मुक्त आध्यात्मिक संत थे। निरंजनी अखाड़े से सम्बद्ध श्रीराम बाबाजी का दुनिया में कोई आश्रम परम्परा व्यवस्था से अन्य संपत्ति नहीं थी। वे आजीवन पूर्ण परमात्मा पर निर्भर परम्परा के सन्यासी रहे। इस परम्परा के आदि भगवान शिव को माना जाता है। जिनका अस्तित्व ही प्रकृति है और प्रकृति ही परमात्मा।परमहंस श्रीराम बाबा के देवलोक गमन पर समूचे भक्तमण्डल में रामजप भाव है।इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री रामपाल सिंह राजपूत पूर्व बरेली कांग्रेस विधायक देवेंद्र पटेल गड़रवास ,युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष हर्ष वर्धन सोलंकी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
01बाइट – नेपाली बाबा
बाइट 02- नरेंद्र शिवाजी पटेल राज्यमंत्री