window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); मुलताई: ड्रीमलैंड सिटी के कालोनाइजर द्वारा सरकारी भूमि के भूखंड बनाकर विक्रय करने और अवैध मुरम खनन की हो जांच - MPCG News

मुलताई: ड्रीमलैंड सिटी के कालोनाइजर द्वारा सरकारी भूमि के भूखंड बनाकर विक्रय करने और अवैध मुरम खनन की हो जांच

कालोनी वासियों ने प्रभारी मंत्री को प्रेषित किया ज्ञापन

मुलताई। नगर में बैतूल रोड पर स्थित ड्रीमलैंड सिटी के कालोनाइजर द्वारा सरकारी भूमि को भूखंड बनाकर अनुचित रूप से  विक्रय करने और अवैध रूप से मुरम उत्खनन की जांच करने के साथ कालोनी के रहवासियों को आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की मांग को लेकर कालोनी के निवासियों ने प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार को ज्ञापन प्रेषित किया है। ड्रीमलैंड सिटी रहवासी कल्याण समिति अध्यक्ष सुभाष पवार  ,सचिव विजय सावरकर , उपाध्यक्ष भजनलाल सयाने, सह सचिव आशीष रघुवंशी, कोषाध्यक्ष हंसराज साहू शंकर गिदकर , हरिराम नागले, राजेश सिंह, सहित अन्य कॉलोनी वासियों ने प्रभारी मंत्री को प्रेषित ज्ञापन में बताया यवतमाल के कॉलोनाइजर रामदेव बाबा वारको डेवलपर्स द्वारा वर्ष 2009 में 792 भूखंडों की आवासीय कॉलोनी का निर्माण सभी आवश्यक अनुमतिया लेकर  प्रारंभ किया था । कॉलोनी का आंतरिक विकास कार्य पूर्ण करने की सीमा 21 मई 2013 को समाप्त हो गई है किंतु समयावधि बीतने के  9 वर्ष बाद भी कॉलोनी का आंतरिक विकास कार्य अधूरा है जिसके चलते कॉलोनी के निवासी पेयजल नाली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहने से परेशान हैं। कॉलोनी के रहवासियों द्वारा बीते 2 वर्षों से कई बार कलेक्टर एसडीएम को आवेदन सौंपने  के बाद भी कॉलोनी के निवासियों की समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ है। कॉलोनी वासियों द्वारा रेरा में की गई शिकायत के निराकरण  22 जुलाई 2020  के अनुसार कलेक्टर बैतूल को कॉलोनाइजर के बंधक 198 भूखंड में से आवश्यकतानुसार भूखंडों का विक्रय कर नगर पालिका के माध्यम से कॉलोनी में मूलभूत सुविधाए उपलब्ध कराने के आदेश पारित हुए हैं। लेकिन अभी तक कलेक्टर द्वारा इसको संज्ञान नहीं लिया गया है

कालोनाइजर पर सरकारी भूमि को भूखंड  बनाकर विक्रय करने के आरोप

ज्ञापन में कॉलोनी वासियों ने आरोप लगाया है कि कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी के मध्य स्थित सरकारी भूमि का उपयोग भूखंड बनाकर विक्रय कर अनुचित आर्थिक लाभ अर्जित कर लिया है। 21 अक्टूबर 2020 को कराई गई स्थल जांच में सत्य पाए जाने और उप पंजीयक द्वारा सत्यापित किए जाने के बावजूद तहसीलदार द्वारा बीते 2 वर्ष से उक्त जांच प्रतिवेदन अनुसार सरकारी भूमि मुक्त करने के बजाए प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल कर रखा है साथ ही कॉलोनी में शिवजी की पहाड़ी से कॉलोनाइजर द्वारा लगभग 18000 घन मीटर अवैध रूप से मुरम उत्खनन  कर शासन को लाखों रुपए रॉयल्टी की क्षति पहुंचाई गई है। हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा निलंबित किए गए जिला खनिज अधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी ने नियमों को दरकिनार कर वर्ष 2020 में खोदी गई मुरम की अनुमति वर्ष 2022 में दी गई थी । जिसमे कालोनी के समतलीकरण के लिए मात्र 250 घन मीटर मुरम के खनन की अनुमति दी गई थी।

विकास कार्य 70% पूर्ण होने का झूठा प्रतिवेदन देने की भी शिकायत

कॉलोनी वासियों ने ज्ञापन में बताया वर्तमान में कॉलोनाइजर के द्वारा  आंतरिक विकास कार्य पूर्ण किए बिना कॉलोनी हस्तांतरण के लिए प्रस्तुत आवेदन पर कार्रवाई करते हुए तहसीलदार के नेतृत्व में गठित जांच दल में शामिल नगर पालिका सीएमओ,पीएचई के सहायक यंत्री द्वारा कॉलोनाइजर पर मेहरबानी करते हुए अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए 24 नवंबर 2022 को आंतरिक विकास कार्य 70% पूर्ण होने का झूठा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर बंधक भूखंडों में से 50% भूखंड निर्मुक्त किए जाने की अनुशंसा की गई है।कॉलोनी के निवासियों ने कॉलोनाइजर द्वारा की गई गंभीर लापरवाही के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई और जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की गई लापरवाही  की जांच कर कॉलोनी के 792 परिवारों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए उचित कार्रवाई करने के संबंध में कलेक्टर को निर्देश देने की मांग प्रभारी मंत्री से की है।

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