बैतूल जिलें की पुलिस व्यवस्था हुई बेपटरी, न्याय के लिए ग्रामीण खटखटा रहे गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक का दरवाजा
रानीपुर थाना प्रभारी और कॉन्स्टेबल का बड़ रहा अत्याचार
बैतूल SP पर नही है कार्यवाही करने का भरोसा तो भोपाल डीजीपी ऑफिस पहुंची पीड़ित महिला
एक ही जिले में 3 वर्ष पूरे होने के बाद भी नही हटे रानीपुर थाना प्रभारी
मनीष कुमार
8109571743
भोपाल। देशभक्ति और जन सेवा के नाम पर जब जनता के रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आप सोच सकते है आदिवासी ग्रामीणों की रक्षा कौन करेगा । महिला के अनुसार चंद रुपयों के लिए जिलें के रानीपुर थाना में पदस्थ पुलिस झूठें केश में फसा दे और जिलें में बैठें उच्च अधिकारी ऐसे कर्मचारियों को संरक्षण दे तो सोचिए आम जनता कहा जायेगी किसके पास अपने दुखड़े सुनायेगी। आखिर क्यों रानीपुर थाना प्रभारी को बचा रहे है बैतूल जिला पुलिस अधीक्षक ? क्या लाभ मिल रहा रानीपुर थाने से जिलें में बैठें अधिकारियों को ? बैतूल जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी तक शिकायत होने के बाद भी प्रशासन के कानों तक जूं नहीं रेंग रही है । आपको बता दे की बैतूल जिलें के रानीपुर में पदस्थ थाना प्रभारी और कॉन्स्टेबल के लगातार आदिवासी ग्रामीण पर अत्याचार के बाद उच्च अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नही की जाना अपने आप में बड़ी बात है । ताजा मामला रानीपुर थाने का है जहा पर थाना प्रभारी मोहित दुबे कॉन्स्टेबल तरुण पटेल और पूनम तिवारी द्वारा झूठा प्रकरण दर्ज करने की धमकी देकर राशि वसूलने का नया मामला मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है जहां पर आवेदक फुलवती बाई आहके निवासी जुवाडी ने मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आवेदन दिया जिसमें गंभीर आरोप लगाए है । बैतूल जिले में लगातार बढ़ रहे है आदिवासीयो के शोषण के मामले .
महिला ने लगाएं रानीपुर थाना प्रभारी और कॉन्स्टेबल पर गंभीर आरोप
आदिवासी ग्रामीण महिला ने बताया कि कॉन्स्टेबल तरुण पटेल और पूनम तिवारी के द्वारा अप्रैल महीने में उनके पुत्र को थाने बुलाकर चोरी का अपराध दर्ज करना चाहा परंतु जब अपराध सिद्ध नहीं हुआ तो आवेदक के पुत्र को शराब के झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया गया । महिला ने बताया कि जमानत की राशि जमा कर उन्होंने अपने पुत्र को 3 महीने बाद छुड़ाकर लाया तब थाना प्रभारी मोहित दुबे उनके ग्रह ग्राम में जाकर आवेदक के बेटे को बोले की तुम जेल से छूट कर थाने नहीं आए साइन करने के लिए तब आवेदक के पुत्र को थाना प्रभारी के द्वारा साइन करने के लिए थाने ले जाया गया जहां पर थाना प्रभारी मोहित दुबे और कॉन्स्टेबल तरुण पटेल व पूनम तिवारी के द्वारा पूछताछ के बहाने ले जाकर थाने के अंदर जेल में बैठा दिया गया । जब पुत्र के घर नहीं लौटने पर आवेदक महिला थाने में गए तब उन्होंने देखा कि उनके भांजे को भी झगड़े के मामले में जबरदस्ती थाने के स्टाफ के द्वारा बैठा लिया गया है और जब ग्रामीण महीला ने रोते बिलखते हुए अपने बच्चों को छोड़ने की गुहार लगाई तब थाने के अधिकारियों ने ₹50000 की मांग करते हुए पुत्र को छोड़ने के लिए कहा महिला के लाख गिड़गिड़ाने के बावजूद रानीपुर थाना के स्टाफ का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने उन्हें थाने में ही 3 दिन के लिए रख लिया जब महिला अपने घर की गाड़ी गिरवी रख ₹35000 लेकर थाने गई तब जाकर उसके पुत्र को छोड़ा गया वही अब रानीपुर थाना के प्रभारी और कॉन्स्टेबल के द्वारा ₹15000 के लिए महिला पर दबाव बनाया जा रहा है कि किसी भी तरीके से वह पैसे दे नहीं तो उनके पुत्र को वापस किसी झूठे केस में फंसा दिया जाएगा ।
दैनिक समाचार पत्र प्राईम संदेश
क्या कहना है ।
पीड़ित महिला के द्वारा मेरे समक्ष आवेदन दिया गया है मामले पर कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया है जल्द ही कार्रवाई की जाएगी ।
गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा मध्यप्रदेश शासन
मामले की जानकारी के लिए संपर्क किया गया परंतु संपर्क नहीं हो पाया ।
सुधीर सक्सेना पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश भोपाल
पीड़ित ने दिए आवेदन की कॉपी
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