असाध्य रोग खतरनाक एवं जानलेवा है
देश में आज भी करोड़ों लोग है ग्रसित
आयुर्वेद में है उपचार सरकार नहीं करती सहयोग
जुन्नारदेव गुड़ी अंबाडा
असाध्य रोग से के उपचार में लोग देशव्यापी आंदोलन करें तब सरकार जागेगी एवं इसका समुचित एवं वास्तविक हल ढूंढेंगी तब असाध्य रोगियों को उनके रोग से मुक्ति मिलेगी और चैन की सांस ले सकेंगे उक्तासय के विचार आयुर्वेदचार्य गुरुजी डॉक्टर प्रकाश टाटा ने पत्र प्रतिनिधि से चर्चा के दौरान व्यक्त किए आगे डॉक्टर टाटा ने कहा की असाध्य रोग दुख देने वाला जहां रोग है वही खतरनाक एवं जानलेवा है देश में आज भी करोड़ों लोग ग्रसित है इसका उपचार आयुर्वेदिक में है पर सरकार ना तो ध्यान देती और ना सहयोग करती
आगे डॉक्टर टाटा ने कहा कि 21वी सदी को एक चमत्कारिक युग कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ऐसे युग में सुई से ले रेल,हवाई जहाज का निर्माण हुआ है साथ ही देश में सभी दिशा एवं क्षेत्र में तरक्की की है
*आज भी नहीं निकल पाया हल*
21वी सदी चमत्कारिक युग में सिर्फ असाध्य रोग जैसे कैंसर, किडनी, लीवर, मास्कुलर, डिस्ट्रीपी, स्पाइन, लिगामेंट, ए.वी.एन, माइग्रेन, बांझपन, दम सास, बी.पी और शुगर है जो दुख देने के साथ खतरनाक एवं जानलेवा है इस युग में भी असाध्य रोग का उपचार सरकार के पास नहीं जिससे लोग दुखी है क्योंकि जो लोग ग्रसित है वह समय एवं रुपया दोनों बर्बाद कर रहे हैं किंतु फायदा कुछ नहीं
*आयुर्वेद में है उपचार पर सरकार का सहयोग नहीं*
डॉक्टर टाटा ने यह बात पूरे दावे के साथ कहीं कि कैसा भी असाध्य रोग हो उसका उपचार आयुर्वेद (जड़ी बूटी) में है जिसका प्रमाण श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सनत जयसूर्या हैं जो पिछले 4 वर्ष पूर्व पैर मैं आए असध्य रोग से काफी दुखी थे इससे निजात पाने लगभग सात – आठ देशों में उपचार कराया लगभग ₹50 करोड़ भी खर्च किया किंतु आराम नहीं मिला इन्हें भी आराम मिला एक नया जीवन मिला तो आयुर्वेद से इनके अलावा देश से ले विदेश में निवासरत हजारों लोग स्वस्थ हो चुके हैं किंतु सरकार इसे पद्धति को मानती नहीं और ना सहयोग करती अगर गंभीर हो विचार मंथन करें तो देश के और हजारों लोग अपने असाध्य रोग से मुक्त हो सुखी पूर्वक नया जीवन व्यतीत कर सकता है