window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); स्टॉक लिमिट घटाने से ही गेहूं के दामों में आएगी कमी - MPCG News

स्टॉक लिमिट घटाने से ही गेहूं के दामों में आएगी कमी

– फिलहाल थोक व्यापारी 30 हजार क्विंटल  गेहूं व फुटकर
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

दुकानदार 100 क्विंटल कर सकते हैं जमा
रायसेन। गेहूं की खरीद करने वाले लाइसेंसी व्यापारियों एवं फुटकर दुकानदारों सहित, आटा मिलों को पिछले एक साल से गेहूं रखने की लिमिट सरकार ने तय की हुई है। इस लिमिट के अनुसार जहां थोक  अनाज व्यापारियों को 3000 मीट्रिक टन और फुटकर  अनाज दुकानदारों को 10 मीट्रिक टन तक स्टॉक करने की अनुमति है। वहीं आटा मिलों को साल भर में अपने उत्पादन का 70 फीसद गेहूं को स्टॉक करने का अधिकार है। सरकार ने गेहूं एवं आटा के बढ़ते दामों पर नियंत्रण के उद्देश्य के लिए भले ही नई स्टॉक लिमिट घोषित कर दी हो ।लेकिन इस नियम से पिछले एक साल में  गेहूं के दामों में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है।
स्टॉक लिमिट घोषित करने के एक माह बाद भी जुलाई 2023 में  गेहूं के जो दाम उस समय रहे।, इस साल भी नई फसल आने के बाद दाम पिछले साल के आसपास ही घूमते रहे। इसके उलट गत साल की तुलना में इस साल दाम बढ़े ही हैं।जबकि माना जाता है कि नई फसल आने के बाद गेहूं के दामों में गिरावट आती है। व्यापारियों की मानें तो गेहूं के दाम कम करना है तो और स्टॉक लिमिट और घनटानी होगी।
मंडी पोर्टल में रहता है स्टॉक
कृषि उपज मंडी परिसर के अंदर खरीदी गई उपज का हिसाब किताब मंडी के अनुबंध पोर्टल पर रहता है।अनुबंध में व्यापारी के नीलामी में उपज से खरीदी को लेकर उसके एक्सपोर्ट तक की जानकारी रहती है।व्यापारी के गोदाम एवं मंडी सेड के अंदर रखा हुआ गेंहू सभी स्टॉक के दायरे में रहता है।हरेक15 दिनों में अनाज व्यापारीअपनी पाक्षिक रिपोर्ट भी

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