ग्रामीणों ने लगाया आरोप, जल्द होगी शिकायत
घोड़ाडोंगरी। मध्यप्रदेश में कुछ महीने पूर्व पंचायत चुनाव होते ही पंचायत के लिए प्रतिनिधि के तौर पर ग्रामीण सरपंच और पंच को चुनते है ताकि वो पंचायत अंतर्गत आने वाले गाँव को उज्वल बनाने के लिए संघर्ष करें। लेकिन यहाँ पर आज तक ऐसा कुछ नही हुआ।
दरअसल मामला बैतुल जिले अंतर्गत घोड़ाडोंगरी जनपद में आने वाली ग्राम पंचायत सुखाढाना का है जहाँ रोजाना पंचायत का ताला तो खुलता है लेकिन पंचायत अधिकारी नदारद रहते है सप्ताह में किसी भी दिन हो ताला खोलकर चले जाते हैं। और अगर पंचायत आ भी गए तो एक घंटे बाद पंचायत बन्द करके चले जाते हैं। इनको सिर्फ इतना ही ज्ञात रहता हैं कि दो दिन पंचायत में बैठना है। ग्रामीणों ने बताया कि आज तक विकास के नाम पर ग्रामीणों को ठेंगा दिखाने में कोई कसर नही छोड़ रहे पंचायत के अधिकारी। इसी के साथ ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बहुत जल्द इसकी शिकायत बैतुल जिला जनपद सीइओ से करेंगे। घोड़ाडोंगरी जनपद सीईओ ग्रामीणों की नहीं सुनते और ये किसी सरपंच, सचिव या फिर रोजगार सहायक किसी पर भी कार्यवाही नही करते मानो सीईओ साहब इनके कर्ज तले डूबे हुए हैं। इसलिए सभी ग्रामवासी जिला जनपद सीईओ के जाएंगे और पंचायत के अधिकारियों को सुखाढना पंचायत से हटाने की मांग करेंगे। जो पंचायत में विकास कार्यो को लेकर अपना ध्यान आकर्षित नही करते और अपनी जेब भरने में लिप्त पंचायत अधिकारी और सरपंच के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे।
पंचायत के सरपंच संतोष काजले ने बताया कि ग्राम पंचायत का ताला मोबलाइजर और मेट खोलते है और यही दोनों शाम तक रहते है। सरपंच की माने तो सुखाढाना पंचायत में जिम्मेदार अधिकारी मोबलाइजर और मेट ही है। जो ताला खोलकर पंचायत संभाल रहे है।
इनका कहना है-
संतोष काजले, सरपंच सुखाढाना पंचायत पंचायत का ताला मेट और मोबलाजर खोलते है सुबह से शाम तक वही रहते है। आपको क्या चाहिए खबर लगाने से पहले मुझे बता दीजिए। अमरचंद चक्रवान, पंचायत सचिव सुखाढाना काल किया लेकिन लग नही पाया।