window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); नर्मदा नदी के तटों पर रात में फिर रेत चोरों का मेला इन पर शिकंजा कसे कौन खनिज विभाग के अधिकारी बने खामोश - MPCG News

नर्मदा नदी के तटों पर रात में फिर रेत चोरों का मेला इन पर शिकंजा कसे कौन खनिज विभाग के अधिकारी बने खामोश

नर्मदा नदी के तटों पर रात में फिर रेत चोरों का मेला इन पर शिकंजा कसे कौन खनिज विभाग के अधिकारी बने खामोश

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

रायसेन। मानसून की विदाई के साथ ही नर्मदा नदी के तटों पर रेत माफियाओं की रात में फिर आमद शुरू हो गई है।नर्मदा नदी के सत रावन,बौरास केतोघान पतई और बाड़ी की भारकच्छ मदागन घाट गौरा मछवाई तटों पर रेत माफियाओं का वाहनों में रेत लोडिंग के लिए रातभर मेला सा लगता है।जांच कार्रवाई से बचने के लिए यह रेत माफिया गिरोह जंगल के रास्ते के रास्ते ट्रैक्टर ट्रालियों सेठिकाने तक आसानी से पहुंचा देते हैं। ओवरलोड रस से भारी वाहन गांव की सड़कों पर दौड़ने से वह छलनी हो गई है।इन जर्जर सड़कों से गुजरना अब मुश्किल भरा सफर हो गया है। सड़कों की खराब होने से ग्रामीणों में फिलहाल भारी आक्रोश व्याप्त है। इधर जिला खनिज विभाग के अधिकारी 15 दिनों में रेत से भरे 20 वाहन पकड़े जाने की बात कर रहे हैं।लेकिन यह धरपकड़ की कार्यवाही नाकाफी साबित हो रही है।जिम्मेदार विभाग के आला अफसरों को यह मालूम हो कि कहां से कितने रेत के वाहन भरा ते हैं।फिर भी वह रात में कार्रवाई से बचते हैं।इससे ना बल्कि रेत ठेकेदार शासन को रॉयल्टी के रूप में राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।रायसेन जिले के नर्मदा नदी के विभिन्न तटों पर रेत की 56 खदानें हैं।इस बार साउथ की पॉवर मैक्स कंपनी ने रेत खदानों का ठेका लिया है।रेत ठेकेदार द्वारा रेत की चोरी रोकने के लिए नर्मदा नदी घाटों पर अपने कर्मचारियों की टीम तैनात भी कर दी है।निगरानी के लिए चौकियां भी बना दी है।फिर भी दबंग रेत माफिया दबंगई दिखाते हुए जबरन गुंडागर्दी के दम पर वाहनों में रेत भरवा रहे हैं।रेत ठेकेदार के कर्मचारी जब इन्हें रेत भरने के लिए मना करते हैं तो मारपीट करने को उतारू हो जाते हैं।
वन भूमि और नर्मदा नदी का दोहन
जिले की तहसील बरेली उदयपुरा और बरेली बाड़ी क्षेत्र की नर्मदा नदी का प्राकृतिक सौंदर्य बिगाड़ने और नदी में रास्ता बनाने के साथ ही नदी की मध्य धारा से पोकलेन के जरिए रेत खुदाई करने का बड़ा आरोप लगाया गया है। इसको लेकर जहां क्षेत्रीय ग्रामीणों की तरफ से गहरी नाराजगी जताई गई। वहीं तस्वीरें और वीडियो वायरल कर मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। मौके पर कितनी एरिया खनन के लिए चिन्हित है इसका कोई निशान-बोर्ड न होने को लेकर भी सवाल उठाए जाते रहे।
वहीं, नर्मदा नदी के मध्य रास्ता निर्माण और नदी की मध्य धारा में पोकलेन के जरिए नदी का सीना छलनी किए जाने का मामला सामने आने के बाद हडकंप मच गया है। आरोप लगाया जा रहा है कि अनधिकृत तरीके से नदी के दोनों छोर को मिलाकर लगभग दो किमी रास्ते का निर्माण किया गया है। इसमें आधे से अधिक एरिया में नदी के तलहटी वाला हिस्सा शामिल है। ग्रामीणों का आरोप है कि नियमों-प्रावधानों को ताक पर रखकर किए गए निर्माण से नदी का प्राकृतिक स्वरूप तो प्रभावित ही है नदी के मध्य धारा में खनन और रास्ता निर्माण से नदी के प्राकृतिक प्रवाह पर भी असर पड़ा है। फिलहाल इस मामले में खनन महकमे की तरफ से क्या कार्रवाई सामने आती है।जांच में किस तरह के तथ्य प्रकाश में आते हैं, यह तो जांच का परिणाम बताएगा। फिलहाल लगाए जा रहे आरोप नदी में बनाए गए रास्ते और मध्य धारा में खनन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
हो रहा रॉयल्टी का नुकसान समझें यह गणित
शासन के नियमानुसार 250 रुपये घनमीटर के हिसाब से रॉयल्टी वसूल की जाती है। एक ट्राली में130 से140 फ़ीट ( 5 से 6 घनमीटर)रेत बनती है।इस तरह शासन को एक ट्राली से1200 से 1500 रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है।लेकिन रेत माफिया बगैर रॉयल्टी चुकाए रेत की चोरी कर रहे हैं।
इनका कहना है
लगातार की जा रही रेत माफियाओं पर जांच कार्रवाई
दबंग किस्म के रेत माफिया की धरपकड़ की कार्रवाई को लगातार की जा रही है।रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए लगातार चैकिंग कार्यवाही की जाती है।पिछले एक पखवाड़े में 20 ट्रैक्टर ट्राली को जब्त कर जुर्माना किया गया है। नकतरा में भी खनिज अमले ने दो ट्रैक्टर ट्रालियों को पड़कर पुलिस चौकी में खड़ा करवा दिया है।अर्चना ताम्रकार माइनिंग इंस्पेक्टर रायसेन
सख्ती से रेत चोरी पर लगाएंगे लगाम
लोकल के दबंग किस्म के लोग दबंगई दिखाकर वाहनों से रेत चोरी करके ले जाते हैं।हमने अपने स्तर पर रेत की चोरी रोकने के लिए नर्मदा नदी के तटों पर कर्मचारियों को तैनात कर दिए हैं।मल्लिकार्जुन ठेकेदार पावर मैक्स कंपनी

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