बरी होने पर ठोका 10 हजार करोड़ क्षतिपूर्ति का दावा
रतलाम। गैंगरेप के एक झूठे मामले में 2 साल तक जेल काटने वाले शख्स ने रतलाम जिला एवं सत्र न्यायालय में 10 हजार 6 करोड़ 2 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति का दावा लगाया गया है। फरियादी ने मध्यप्रदेश सरकार और पुलिस पर यह दावा लगाया है। मामले में अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।
रतलाम के घोड़ाखेड़ा निवासी कांतिलाल सिंह उर्फ कांतु को 2 साल पहले गैंगरेप के मामले में आरोपी बनाया गया था। लेकिन जिला एवं सत्र न्यायालय रतलाम ने उसे 20 अक्टूबर 2022 को दोषमुक्त कर दिया। कांतु के अनुसार, बिना अपराध किए उसे 2 साल तक जेल में रहना पड़ा। इसकी वजह से उसका परिवार सड़क पर आ गया। पुलिस ने मुझे जबरदस्ती झूठे केस में फंसा दिया था।
वहीं संस्था “जय कुलदेवी फॉउन्डेशन” के प्रतिनिधि और उसके वकील विजय यादव ने बताया कि फरियादी आरोपी को जानता भी नहीं था। पुलिस ने झूठा प्रकरण बना कर जेल भेज दिया था। मामले की जब सच्चाई सामने आई तो उसे दोष मुक्त कर दिया गया। अब दस हजार छ करोड़ दो लाख रूपये की क्षति पूर्ति का दावा किया गया है।
यह है मामला
मामला 18 जनवरी 2018 का है। पीड़िता ने थाने में गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में कांतिलाल सिंह उर्फ कांतु को भी आरोपी बनाया गया था। लेकिन कोर्ट ने कांतु को बरी कर दिया। अब उसने अपने वकील के जरिए दस हजार छ करोड़ दो लाख रूपये की क्षति पूर्ति का दावा किया है।