कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. के अनुसार,महिलाएँ स्वयं सहायता समूहों से जुड़ती हैं, तो वे अपनी आमदनी बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने के लिए नए अवसरों की तलाश करती हैं। इसी सोच के तहत जिले के बण्डा विकासखण्ड के ग्राम चकेरीबिनेका में महरानीलक्ष्मी बाई स्व सहायता समूह से जुड़ी श्रीमती प्राग बाई ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी रोजगार से जोड़ा और सीमित संसाधनों के बावजूद पशुपालन को अपनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया।
श्रीमती प्राग बाई की यह पहल न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि आसपास की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही है। उनकी मेहनत और संकल्प ने साबित किया है कि यदि सच्ची लगन हो तो हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है।
वे बताती है कि उन्होंने समूह से जुड़कर 2022 बैंक लिकेंज से प्राप्त राशि में से 30000 रू. लोन लिया। इस रकम से उन्होंने 7 नग बकरियां खरीदी अच्छे पालन और देखभाल से उन्होने इनकी संख्या को बढ़ाकर आज 25 नग मादा बकरियां कर ली इसके अलावा उन्होने एक बकरा 21000 रू. का 03 बकरे 10000 रू. प्रति नग और 03 बकरे 15000 प्रति नग से बेचे। इसी पैसे से उन्होंने मुर्गी पालन भी शुरू कर लिया परिवार में कम करने वाले सदस्य है इस लिए गतिविधि को बढ़ाने में उन्हें परिवार का सहयोग मिल रहा था । आज उनके पास बकरियों के अलावा 80 नग कड़क नाथ मुर्गी 50 नग रंगीन मुर्गीया उनके बाड़े में पल रही है। जबकि बीच-बीच में वे एडल्ट हो चुकी नर मुर्गों को बेच लेती है।