window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); नारी यदि सशक्त नहीं हुई तो जान लेना कि आप कभी समृ़द्ध नहीं हो पायेंगे- श्रीमती अनुश्री शैलेन्द्र जैन - MPCG News

नारी यदि सशक्त नहीं हुई तो जान लेना कि आप कभी समृ़द्ध नहीं हो पायेंगे- श्रीमती अनुश्री शैलेन्द्र जैन

संवादाता साहिल अली
नारी यदि सशक्त नहीं हुई तो जान लेना कि आप कभी समृ़द्ध नहीं हो पायेंगे- श्रीमती अनुश्री शैलेन्द्र जैन

एक बालिका जब शिक्षित होती है तो संपूर्ण परिवार शिक्षित होता है इसलिए शासन द्वारा महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जी एस रोहित

सागर 19 फरवरी 2025
पं. दीनदयाल उपाध्याय, शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर में महिला बाल विकास विभाग सागर के तत्वाधान में बाल विवाह के दुष्परिणाम एवं महिला सशक्तिकरण विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोहम नारी चेतना समिति की अध्यक्ष श्रीमती अनुश्री शैलेन्द्र जैन ने संबोधित करते हुये कहा कि एक सशक्त नारी ही निशक्त नारी को सशक्त बनाती है। अतः सशक्तिकरण का पहला सिद्धांत यह है कि नारियों को सशक्त बनायें। प्राचीन समय में गरीबी एवं असुरक्षा के कारण बाल विवाह होते थे लेकिन कहीं कहीं पर ये कारण आज भी विद्यमान है जिन्हें सामाज को सकारात्मक दृष्टि के साथ दूर करना होगा। ‘‘नारी यदि सशक्त नहीं हुई तो जान लेना कि आप कभी समृ़द्ध नहीं हो पायेंगे‘‘। आपने देवी अहिल्याबाई को महिला सशक्तिकरण का स्तम्भ बताते हुये छात्राओं को मानसिक दृढ़ता तथा आत्मसम्मान बनाये रखने की बात कही। प्राचार्य डाॅ जी.एस. रोहित ने कहा कि एक बालिका जब शिक्षित होती है तो संपूर्ण परिवार शिक्षित होता है इसलिए शासन द्वारा महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यदि बालिका शिक्षित होगी तो वह बाल विवाह के विरोध में भी आवाज उठायेगी। जिला महिला बाल विकास अधिकारी ब्रजेश त्रिपाठी ने 1098 चाइल्ड केयर हेल्पलाइन, पुलिस कंट्रल रूम डाॅयल 100 तथा 1091 पर काॅल करने पर आपको महिला हेल्पलाइन से जुड़ी जानकारी मिलती है यह हेल्पलाइन 24 घंटे काम करती है। आपने बेटियों की सुरक्षा व उनके विरूद्ध होने वाले अपराधों को रोकने के लिए विद्यार्थियों एम्बेसेडर बनकर काम करने की बात कही। कन्या महाविद्यालय जनभागीदारी अध्यक्ष श्रीमती मनीषा विनय मिश्रा ने बाल विवाह एवं महिलाह सशक्तिकरण के विषय में कहा कि समाज में सार्थक बदलाव हो रहे हैं जिनके कारण समाज में सकारात्मक परिवर्तन प्रतिलक्षित हो रहे हैं।

एडव्होकेट प्रीति जैन ने महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया समझाते हुये महिलाओं को आर्थिक स्वाबलम्वी बनाने वाली सरकारी योजनाओं के विषय में अपनी बात कही। आपने बाल विवाह करने पर 1 लाख जुर्माना अथवा 2 वर्ष के कारावास के विषय में बताया। जिला समन्वयक आवाज सागर समिति मालती पटैल ने कहा कि बाल विवाह को रोकने में युवाओं की विशेष भूमिका है। सोशल मीडिया का प्रयोग इस प्रथा को रोकने के लिए किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में सुश्री मेघा दुबे, प्रासुक जैन तथा डाॅ प्रीति शर्मा ने भी अपने विचार रखे। महाविद्यालय परिवार ने शासन के निर्देशानुसार कु. अवनी विश्वकर्मा, कु. आशना पाण्डेय, श्रेयांश सेन तथा मानसी गौंड़ को बाल विवाह रोकने के लिए एम्बेसेडर बनाया है जो महाविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को बाल विवाह के दुष्परिणाम के विषय में जानकारी देंगे। मंच के द्वारा इनका सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुये डाॅ अमर कुमार जैन जिला नोडल भारतीय ज्ञान परम्परा ने बताया कि बाल विवाह अधिनियम 2006 के अुनसार लडकी की आयु 18 वर्ष तथा लड़के की आयु 21 वर्ष से कम होने पर यदि विवाह होता है तो वह बाल विवाह के अंतर्गत परिभाषित किया जायेगा जिसमें कानूनी रूप से सजा का प्रावधान है। कार्यक्रम में डाॅ गोपा जैन, डाॅ सरोज गुप्ता, डाॅ इमराना सिद्धीकी, डाॅ संगीता मुखर्जी, डाॅ रेंनू सोलंकी, डाॅ जयनारायण यादव, डाॅ सबिहा तावीर, श्रीमती भानूप्रिया पटैल, रोशनी चैधारी, गुलशफा कसाब, डाॅ अंकुर गौतम, डाॅ संदीप तिवारी, श्रीमती कीर्ति रैकवार सहित लगभग 250 विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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