रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद रेंज में बाघ का शव मिलने का पहला मामला आया सामने,भोजपुर बीट में मिला वयस्क बाघिन का शव
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
रायसेन। हमेशा अखबारों की सुर्खियों में बने रहने वाली औबेदुल्लागंज वन मंडल की चिकलोद रेंज एक बार फिर जन चर्चाओं का केंद्र बिंदु बन गई। दरअसल इस रेंज की भोजपुर बीट के कक्ष क्रमांक 819 में वन रक्षक द्वारा मृत टाइगर की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों दी तो वनमंडल से लेकर राजधानी भोपाल में बैठे वनमहकमे के आला अधिकारियों की सांसें फूल गईं। वह इसलिए की पांच दिन पहले ही रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त हुआ है। जिसकी खुशियां मनाई जा रही थीं। इसी दौरान एक वयस्क बाघिन का आठ से दस दिन पुराना शव मिलने से वनमहकमे के जिम्मेदारों की नींद उड़ गई। सूचना प्राप्त होते ही वन परिक्षेत्र चिकलोद का स्टाफ उप वनमण्डल अधिकारी एवं वनमंडल अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां एनटीसीए की एसओपी के अनुसार कार्रवाई की गई।
ओबेदुल्लागंज डीएफओ हेमन्त रैकवार ने बताया कि टाइगर के सभी अंग सुरक्षित पाए गए।मृत टाइगर बाघिन थी जिसका शव आठ से दस दिन पुराना होने के कारण डिकम्पोज हो गया। दो चिकित्सक डॉक्टर अमित ओड एवं डॉक्टर सुरजीत द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। पशु चिकित्सकों द्वारा टाइगर की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से होने की संभावना बताई गई। फॉरेंसिक जांच के लिए टाइगर के सैंपल लिए गए एवं वन संरक्षक भोपाल वृत्त एवं एनटीसीए के प्रतिनिधियों के समक्ष बाघिन के शव का अंतिम संस्कार किया गया। टाइगर की मृत्यु का वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कर प्रकरण में जांच प्रारंभ की गई।
उल्लेखनीय है की दो माह पहले इसी बीट के आशापुरी गांव के पास तालाब में बाघ का पड़ा शव मिला था।जिसके शिकार की आशंका जताई गई थी जो सच साबित हुई। पीएम रिपोर्ट में बाघ को गोली मारने की पुष्टी हुई थी। बाघ का शिकार करने वालों का आज तक वन अमला सुराग नहीं लगा सका।