window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); उप स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय GDM जागरूकता दिवस मनाया गया - MPCG News

उप स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय GDM जागरूकता दिवस मनाया गया

राष्ट्रीय गर्भावधि मधुमेह (GDM – जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस डे उपस्वास्थ्य केंद्र सेमलापार में मनाया
भारत में 10 मार्च को मनाया जाता है ताकि मातृ स्वास्थ्य और मधुमेह के बारे में जागरूकता दी जा सके, CHO गायत्री

राजगढ़। जिलें के ब्लॉक ब्यावरा के उप स्वास्थ्य केंद्र सेमलापार में आज जीडीएम दिवस मनाया गया । आपको बता दे कि भारत में महिलाओं को जागरूक करने के लिए भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार बहुत प्रयास कर रही है । जिसमें समय समय पर स्वास्थ्य कर्मचारियों के माध्यम से जागरूक किया जाता है । इसी कड़ी में आज राजगढ़ के स्वास्थ्य विभाग पर पूरे जिलें में कार्यक्रम आयोजित किए । जिलें के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर उप स्वास्थ्य केंद्र सेमलापार में भी GDM दिवस का आयोजन किया गया जिसमें कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर गायत्री कुशवाहा ने बताया कि भारत ने 10 मार्च 2019 से विश्व का पहला राष्ट्रीय GDM जागरूकता दिवस मनाया । साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने राष्ट्रीय GDM जागरूकता दिवस को एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में चिह्नित करने के लिए राज्य- स्तरीय अधिकारियों को इन संगठनों के साथ हाथ मिलाने का निर्देश दिया।

वही जिलें के CMHO डॉक्टर दीपक पीप्पल के द्वार पूरे जिले में अभियान चलाया जा रहा है ।
इसके अलावा जपाइगो संस्थान के मनीष सिंह सर के द्वारा भी समय समय पर भोपाल से सेंटर पर आकर और कॉल के माध्यम से तकनीकी सहायता दी जाती है ।

इनकी खतरों की बढ़ जाती है आशंका

1. जीडीएम पॉजिटिव गर्भवतियों को उनके गर्भ में पल रहे शिशु के सामान्य से बड़ा होने का जोखिम रहता है।

2. बड़े शिशु के कारण बाधित प्रसव (ऑब्सट्रक्टेड लेबर) या वैक्यूम, फोरसेप्स के द्वारा सहायता प्रदान प्रसव (एसिस्टिड डिलिवरी) और तीसरा या चौथे डिगरी का पैरीनियल फटाव।

3. पॉजिटिव गर्भवतियों में प्रीएक्लैम्प्सिया हो सकते है या डिलिवरी के बाद अधिक खून जा सकता है।
4. शिशुओं में जन्म के समय चोट और जन्म के बाद मेटाबॉलिक समस्या होने का खतरा होता है।
5. शिशुओं को बचपन में मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और बाद में हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज या खून में शुगर बढऩे के लक्षण और पहचान –

अधिक पेशाब आना, अधिक प्यास लगना, अधिक भूख लगना, घाव देरी से भरना आदि शामिल है।

गर्भावधि मधुमेह मेलेटस (GDM) के बारे में

i.गर्भावधि मधुमेह (GDM) को गर्भावस्था के दौरान ग्लूकोज असहिष्णुता के किसी भी डिग्री के रूप में शुरुआती या पहली पहचान से परिभाषित किया गया है।

ii.GDM आमतौर पर गर्भवती महिलाओं में पाया जाता है, जिसमें लगभग 7% सभी गर्भधारण GDM से जटिल होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सालाना 2,00,000 से अधिक मामले सामने आते हैं।

iii.गर्भावधि मधुमेह वाली महिलाओं के संतान को भविष्य में डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।

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