*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
रायसेन। सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत स्कूलों में पीएचई विभाग द्वारा बच्चों को स्वच्छता के लिए साफ पानी और हैंडवाश यूनिट लगाने के लिए साल 2021- 22 में निर्देशित किया गया था। जिसे बाद पीएचई विभाग के माध्यम से टेंडर निकाल कर ठेके दिए गए थे ।जिसमें एक हैंडवाश की लागत डेढ़ लाख रुपये आयी थी। लेकिन सभी योजनाओं की तरह यह भी टॉय टॉय फिस्स नजर आ रही है । रायसेन जिले के अकेले बाड़ी ब्लाक की बात करें तो शासकीय प्रायमरी ओर माध्यमिक शालाओं में 350 के करीब हैंडवाश यूनिट बनाये गए। लेकिन बनने के बाद से ही कुछ अपवाद छोड़कर सारी बन्द पड़ी है । स्कूल शिक्षकों का कहना है । अधूरे बने हैंडवाश को जबरन रसूख के दम पर ठेकेदारों ने हैंडओवर किया है। सरकारी योजनाओं को किस तरह रसूखदार ठेकेदार चुना लगाते है। ताजा बानगी आपको जगह जगह देखने को मिल जाएगी। छोटे स्कूली बच्चों के लिए बनाई गई हैंडवाश यूनिट कही क्षतिग्रस्त हो चुकी है । तो कही पूरी नही बनाई गई नलों की टोंटियां गायब हो चुकी हैं।इस मामले में बीआरसी का कहना है महज 25 फीसदी हैंड वाश काम कर रहे बाकी 75 फीसदी या तो टूट गए या ठेकेदार पूरा काम करके नही गए ।जबकि काम पूरा होने पर शिक्षा विभाग को ठेकेदार हैंडओवर करता ।लेकिन ऐसा ना कर जबरन स्कूल को अधूरे बने सुपर्द कर चले गए ।ऐसे में ठेकेदारों के रसूख भी पता चलता है।बच्चे घर से बॉटल भरकर पानी लाते है। इस मामले मद कलेक्टर अरविंद दुबे का अपना तर्क है उनका कहना है स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। उनका उचित रखरखाव करें ।अब कलेक्टर साहब को कौन समझाये जब पूरी तरह से बनी ही नही तो फिर हैंडवाश की मरम्मत कैसे होगी।
यहां हालात सबसे ज्यादा खराब
जिले की तहसील बरेली के बाग पिपरिया, सिवनी,अलीगंज बरहा सौजनी,महेश्वर, बटेरा,किनगी सिरमौर आदि गांवों केप्रायमरी मिडिल स्कूलों में हैंडवॉश यूनिट पूरी तरह से टूट फूट चुके हैं।वहीं पीएचई विभाग के अफसरों के इस मामले में गैरजिम्मेदाराना दो टूक जबाव है कि हैंडओवर प्रमाण पत्र हमारे पास मौजूद है।हैंडवॉश यूनिटों का रखरखाव स्कूल प्रबंधन को करना है।