window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); व्यक्ति को सत्य के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए:पंडित राम कृपालु वेदाचार्य - MPCG News

व्यक्ति को सत्य के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए:पंडित राम कृपालु वेदाचार्य

व्यक्ति को सत्य के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए:पंडित राम कृपालु वेदाचार्य
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

रायसेन।सिलवानी विकासखंड के ग्राम प्रतापगढ़ में श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे दिन की कथा के अवसर पर ,व्यास पीठ पर विराजमान पंडित राम कृपालु वेदाचार्य ने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन में सत्य मार्ग का अनुसरण करना चाहिए । सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं है।इसके पालन से व्यक्ति के जीवन में परमात्मा की कृपा प्राप्त हो जाती है। सत्य ईश्वर का स्वरूप है जिसकी पवित्रता से हमें अपना जीवन यापन करने में किसी भी प्रकार की कठिनाई प्राप्त नहीं होती है ।आगे वेदाचार्य जी ने कथा को नई ऊंचाइयां देते हुए कहा कि व्यक्ति को वर्तमान समय में बहुत पवित्रता से जीवन जीने की आवश्यकता है।उसके पतन के लिए बहुत सारे रास्ते भौतिक युग में विद्यमान हैं। यदि हम पवित्रता से सत्य के मार्ग से विचलित हो जाएंगे तो हमारा पतन हो जाएगा ।उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा से हमें पवित्रता पूर्वक सत्य मार्ग का अनुसरण करने की शिक्षा प्राप्त होती है। श्रीमद् भागवत महापुराण में परमात्मा के विभिन्न अवतारों का जो वर्णन है उसमें परमात्मा अवतार लेकर सत्य के पुनर्स्थापना के लिए ही इस पृथ्वी पर अनेक बार विभिन्न रूपों में प्रकट हुए हैं । इसलिए सत्य की रक्षा करना हम सभी का परम कर्तव्य है। आगे पंडित राम कृपालु महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में व्यक्ति स्वार्थ के वशीभूत होकर अपना जीवन यापन कर रहा है । जबकि परमार्थ से वह विमुख हो गया है। परमार्थ से संपर्क रखने से हमें परमात्मा की कृपा अपने आप प्राप्त हो जाती है । प्रत्येक मनुष्य मात्र में ईश्वर का वास है। हमें प्रत्येक मनुष्य के साथ बड़े सौहार्द के साथ अपना जीवन यापन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को तपस्या से भी जुड़ना चाहिए ,तपस्या युक्त जीवन परमात्मा की ओर ले जाता है । त्याग और कर्तव्य निष्ठा व्यक्ति को श्रेष्ठतम बनाती है।इसलिए हमें इनका अपने जीवन में समावेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं है। मानस का वर्णन करते हुए कहा कि सत्य से बड़ा कोई दूसरा धर्म नहीं।जिसका वेद पुराणों में विस्तृत वर्णन किया गया है।आगे उन्होंने कहा कि मार्ग पर चलकर,अपने जीवन का पवित्रता से निर्वहन करें।कथा का विश्राम 21 सितम्बर को होगा।

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