लकड़ी तस्करों के घर से बेसकीमती सागौन की सिल्लियां जप्त परिक्षेत्र सहायक मनीष छारी की कार्य कुशलता से वन महकमे को मिली बड़ी सफलता।
रायसेन
(*दैनिक प्राईम संदेश जिला) ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला (रायसेन*)
अगर वन महकमे के जिम्मेदार संवैधानिक शपथ की सच्चाई पर अड़े रहते हैं तो विजय निश्चित ही होती है क्योंकि अच्छाई शक्ति होती है और बुराई कमजोरी होती है तभी तो सच्चा इंसान अकेले चलता है और झूठों को समूह की जरूरत पड़ती है।योग्यताएं कर्म से पैदा होती हैं,जन्म से हर व्यक्ति शून्य होता है। इंसान करवट लेता है तो दिशा बदल जाती है और जब वक्त करवट लेता है तो दशा बदल जाती है,उन व्यक्तियों के जीवन में आनंद और शांति कई गुना बढ़ जाती है जिन्होंने प्रशंसा और निंदा में एक ही जैसा रहना सीख लिया हो।सामान्य वन मंडल रायसेन के अंतर्गत वन परिक्षेत्र जैथारी स्थित है जहां पर परिक्षेत्र सहायक के रूप में मनीष छारी शाला बदरू में पदस्थ हैं।मनीष छारी पूर्व में तिजालपुर बीट में भी कार्यरत रह चुके हैं जिन्होंने अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन बड़ी ही कार्य कुशलता एवं ईमानदारी से किया है।परंपरागत कहावत प्रचलन में चली आ रही है कि सच्चाई और अच्छाई दोनों अपना परिचय भली भांति छोड़ती हैं।गौरतलब हो कि गत दिवस परिक्षेत्र सहायक मनीष छारी की रहवरी में भूषण सिंह चौहान,परवेज भल्लवी,भूरे सिंह कीर,राजू मर्सकोले,गोपाल सिंह रघुवंशी,विजय बघेल सहित दल ने जांबाजी दिखाते हुए शाला बदरू निवासी प्रदीप पुत्र गोपाल,गोपाल पुत्र मूलचंद के निज निवास पर पहुंच कर बेशकीमती सागौन की 50-60 हजार रुपए कीमत की सिल्लियां जप्त की। लकड़ी तस्कर के निज निवास से जप्त की गई सागौन की सिल्लियां इस बात की गवाही दे रहीं हैं कि लकड़ी तस्कर बड़े ही लंबे समय से लकड़ी की तस्करी में लिप्त है जो लकड़ी का ही व्यापार करता है।यहां पर यह व्यक्त किया जाना नितांत आवश्यक हुआ है कि यदि वन महकमे के जम्मेदार इसी तरह चुस्त बने रहे तो लकड़ी तस्करों पर नकेल कसी रहेगी।जांबाज परिक्षेत्र सहायक मनीष छारी द्वारा की गई बेशकीमती सागौन की जप्ती से जैथारी रेंज सहित समान्य वन मंडल रायसेन का भी नाम रोशन हुआ है।