यूरिया डीएपी खाद की किल्लत के बाद बिजली की चिंता जले ट्रांसफार्मर,जटिल समस्याओं को लेकर किसानों ने हाइवे खाद गोदाम संजय नगर में किया चक्काजाम समझा ईश देने मौके पर पहुंचे अधिकारी
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
रायसेन।रायसेन शहर सहित जिलेभर में डीएपी यूरिया खाद संकट के बाद बिजली की चिंता किसानों को हो गई है। खराब पड़े सैकड़ों ट्रांसफार्मरों और लाइनों को समय रहते बदलने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। जबकि इस वर्ष पर्याप्त पानी है, लेकिन सिंचाई कैसे हो पाएंगी। इसको लेकर किसान चिंतित है।
प्रदेश की डॉ मोहन सरकार जहां खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात कर रही है। साथ ही इनकी जानकारी देने के लिए खर्च भी कर रही है। लेकिन हकीकत यह है कि यदि ट्रांसफार्मर खराब हो है तो उसे बदलने में सप्ताह और महीने लग रहे है। अभी रबी सीजन की पहली सिंचाई का समय है। इसके लिए बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसे में ट्रांसफ़ार्मर दुरुस्ती के लिए किसान सप्ताह भर से इंतजार कर रहे।लेकिन बिजली कंपनी का तत्काल में किसानों के लिए कोई इंतजाम नहीं है।
शुक्रवार को दोपहर बाद खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों ने कांग्रेस नेता सुरेन्द्र गौतम युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष हर्ष वर्धन सोलंकी के नेतृत्व में सब्र का बांध उस वक्त फूट पड़ा जब उन्हें बगैर खाद के बैरंग लौटना पड़ा।जब उन्हें खाद नहीं मिली तो नारेबाजी करते हुए हाइवे भोपाल रोड़ खाद गोदाम के सामने चक्काजाम कर दिया।खबर की जानकारी मिलते ही एसडीएम मुकेश सिंह तहसीलदार डॉ हर्ष विक्रम सिंह कोतवाली टीआई संदीप चौरसिया,जिला विपणन अधिकारी नीरज भार्गव पुलिस फोर्स लेकर आंदोलनरत किसानों को समझाइश देने जिला विपणन विभाग की खाद गोदाम के सामने पहुंचे।
खाद संकट के बाद बिजली की समस्या
नवंबर दिसंबर महीने में खाद संकट का दौर चलता रहा। अब बिजली का संकट शुरू हो गया है। जहां पर ट्रांसफार्मर और लाइन सही है, वहां पर पंप लाइनों से छह घंटे बिजली मिल रही।लेकिन बिजली पंप शुरू नहीं हो पाए है। अधिकतर पंप लाइनों के ट्रांसफार्मर खराब है। दो दिनों की कहकर बिजली कंपनी के कर्मचारी खराब ट्रांसफार्मर उठा ले गए। लेकिन सही ट्रांसफार्मर लौटकर नहीं आया है।
मई में उठा ले गए थे ट्रांसफार्मर
तहसील रायसेन के सुंड़ सालेरा चांदना किसान सुजान राजपूत, भादनेर के राजेन्द्र यादव रामसिंह यादव छोटे लाल यादव प्रहलाद यादव और परसू धन सिंह अहिरवार ने बताया कि मार्च में सिंचाई खत्म हो गई थी। मई में बिजली कंपनी के कर्मचारी ट्रांसफार्मर उठा ले गए थे। वहीं ट्रांसफार्मर छह महीने में नहीं आ पाया। किसानों द्वारा चक्काजाम के दौरान जमकर नारेबाजी की गई।