*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
इनका कहना है
निजी बस ऑपरेटर्स द्वारा परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर बसें चलाने के मामले में हम आरटीओ से चर्चा कर कार्रवाई का प्लान बनाएंगे। भोपाल की कहकर यात्रियों को बीच रास्ते में उतारे जाने के संबंध में यदि किसी यात्री ने थाने में शिकायत की है तो हम मामले की जांच करवाकर उचित कार्रवाई करेंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए वर्तमान व्यवस्था में जो परिवर्तन हो सकता है उसे भी कराने का प्रयास करेंगे।विकाश शाहवाल, एसपी रायसेन
रायसेन।महानगरीय बस सेवा के तहत तत्कालीन स्व.मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा द्वारा 40 मिनी बसों के संचालनके बाद भी निजी बस संचालकों की मनमानी पर लगाम नहीं लग सकी है।वर्ष 1992 में यात्रियों के लिए यह सुविधा शुरू की गई थी।
हाल ही में शहर के कई लोगों के साथ बस स्टाफ द्वारा धोखाधड़ी किए जाने के मामले सामने आए हैं। यह धोखाधड़ी यात्रियों को गलत जानकारी देकर बस में बिठाने से जुड़ी है। यात्रियों ने भोपाल के सुभाष नगर बस स्टैंड पर बस में सवार होने से पहले जब जानकारी ली तो उन्हें रायसेन तक बस जाने की बात कही गई। लेकिन रायसेन पहुंचने के पहले ही यात्रियों को बताया गया कि यह बस रायसेन तक नहीं जाएगी। इसलिए आपको यहां से दूसरी बस बदलनी पड़ेगी। इस तरह की धोखाधड़ी रायसेन के कई यात्रियों के साथ हुई। जिनमें से कुछ ने विरोध करते हुए बस स्टाफ से कड़ी आपत्ति जताई तो वह अभद्रता पर उतारू हो गए।मिनी बस चालक परिचालक ने सफाई देते हुए बताया कि यात्रियों ने कुसियारी जाने की बात कहकर सवार हुई थी।किराया भी कुसियारी तक का लिया गया।अब वह यात्री झूठ बोल रहे हैं।यह सरासर गलत है।
यहां गौर करने वाली बात है कि निजी बस ऑपरेटर द्वारा पिछले काफी समय से यात्रियों को इसी तरह गलत जानकारी देकर बस में बिठाने का सिलसिला जारी है। क्योंकि अब तक किसी भी यात्री ने इस तरह से अवैध संचालन का विरोध सिर्फ मौखिक ही जताया है। लेकिन हाल ही चोपड़ा मोहल्ला रायसेन की एक महिला यात्री के साथ जब इस तरह की घटना हुई तब उनके परिजन ने इस मामले में बताने को तैयार नहीं है।
सरपट दौड़ती मिनी बसों में यात्रियों की फजीहत
रायसेन से भोपाल के बीच लगभग 50 किलोमीटर के क्षेत्र में सर पर दौड़ती मिनी बसों में यात्रियों की फजीहत होना आम बात हो गई है। क्षमता से अधिक सवारियों को भेड़ बकरियों की तरह ठूंस ठूंस कर भरा जाता है ।यात्रियों के साथ अभद्रता और महिला यात्रियों से मिनी बसों में बदसलूकी की घटनाएं आए दिन परिचालक करते हैं। इन पर ना तो कोई जिला परिवहन विभाग शिकंजा कसता और ना ट्रैफिक पुलिस ध्यान देती ।जिससे उनके हौसले बुलंद है।