बेमौसम-बारिश का असर: टमाटर 80 रुपए प्याज 40,50 रुपये पार तो हरी सब्जियों के दाम भी उछले
एक पखवाड़े बाद राहत की उम्मीद
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
रायसेन।बेमौसम बारिश से खराब हुई सब्जी की फसलों से बड़े दामों से अब एक पखवाड़ा या इससे अधिक समय बाद ही राहत मिलने की बात कही जा रही है। बेमौसम बारिश के चलते देरी से सब्जी लगाने वाले किसानों की फसलें अब आने को है। ऐसे में लगभग एक पखवाड़ा बाद किसानों की फसलें बाजार में आने ही कुछ राहत मिलने की बात कहीं जा रही है।
किचिन का बजट बिगड़ा
बेमौसम बारिश से खराब हुई सब्जियों के बाद उनमें कमरतोड़ महंगाई का असर लंबे अरसे से देखा जा रहा है।सब्जियों के दाम में तेजी आने से भाव सुनकर ग्राहकों कान खड़े हो रहे हैं।
आमजनों की जेबों पर असर
. बेमौसम बारिश ने जहां किसानों की फसलों को खराब कर दिया है तो इसका असर आमजन पर भी पड़ रहा है। बारिश के चलते खेतों में भरे पानी से सब्जियों की फसलें भी खराब हो गई थीं।और इसकी बाजार में आवक कम हो गई है। मांग के अनुरूप पूर्ति न होने से अधिकांश सब्जियां बाहर से आ रही है और ऐसे में इनकी कीमतों में भी उछाल देखा जा रहा है।आलम यह है कि पिछले एक पखवाड़े में सब्जियों के दामों में तेजी से उछाल आया है। पितृपक्ष में सस्ती सब्जियों का लुफ्त उठा चुके लोगों को अब इसकी ज्यादा कीमत चुकाने से परेशानी हो रही है। मौसम के आखिरी में हुई तेज बारिश एवं लगातार बदल रहे मौसम के बाद आए दिन बरस रहे पानी के कारण सब्जियों की फसलें खराब हो गई है। ऐसे में मौसम के अनुरूप सस्ती मिलने वाली सब्जियां भी महंगी हो चली है। इसका असर लोगों के बजट पर पड़ रहा है। पिछले एक पखवाड़े में सब्जियों की कीमतों में दो से तीन गुना उछाल देखा गया है।
हर सब्जी हुई महंगी
शारदीय नवरात्रि पर्व और करवा चौथ से ही हरी सब्जियों के दाम तेज चल रहे हैं।
। भिंडी जहां 20 से 40 रुपए किलो मिल रही तो वहीं अब यह 50 रुपए किलो पर पहुंच गई है। वहीं नवरात्रि और करवा चौथ में 60 रुपए किलो मिलने वाली गिलकी 80 रुपए किलो पर पहुंच गई है। 30 रुपए किलो की ककड़ी भी 40 रुपए किलो हो गई है। वहीं पालक की भाजी 40, परवल 60 बरबटी 40 से50 टमाटर 80 रुपये तो प्याज भी 40 से 50 रुपए किलो के दाम बिक रही है।फुटकर सब्जी विक्रेतासंतोष कुशवाहा भइयन पंथी का कहना है कि एक पखवाड़े बाद लोकल के किसानों की हरी सब्जियां बाजार में आएंगी तब दाम कुछ कम हो सकते हैं।