नागरिकों ने कहा गुणवत्ता में करवाएं सुधार,राशन दुकानों से हितग्राहियों को मिल रहा कचरा मिला गेहूँ
रायसेन।सालों से शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर कई हितग्राही एक महीने का राशन दूसरे महीने में इकट्ठा ले रहे थे। इसे देखते हुए सरकार ने जहां लोगों को हर महीने राशन देने के लिए कहा है अन्यथा उनका राशन लैप्स करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही राशन दुकानदारों को महीनेभर खोलने के निर्देश दिए हैं। मगर सरकार द्वारा दुकानों पर पहुंचने वाले अनाज की गुणवत्ता में सुधार नहीं करवाया जा रहा है। आज भी लोगों को कचरा मिट्टी मिला गेहूं दिया जा रहा है।इसी तरह चावलों में कंकड़ कचरा फफूंद युक्त की शिकायतें गाहे बगाहे उजागर होती रहती हैं।जिसका उपयोग करने में भी हितग्राहियों को परेशानियां हो रही हैं। शासन के माध्यम से शहर से लेकर गांवों के पात्र हितग्राहियों को हर महीने गेहूं, चावल दिया जा रहा है। लेकिन इसमें जहां लोगों को कचरा मिट्टी सहित अन्य गंदी सामग्रियां मिला हुआ गेंहू दिया जा रहा है।वहीं चावल भी इतना मोटा है कि उसका स्वाद नहीं लगता है। हितग्राहियों ने बताया कि इस महीने राशन दुकान से गेहूं दिया गया है वह बेहद घटिया क्वालिटी का है। जिसमें इतना कचरा और गंदगी है कि उसे जानवर भी खाना पसंद नहीं करेगा। लेकिन क्या करें मजबूरी होने के चलते उसे धोकर साफ कर सुखाया जा रहा है।ताकि उसका उपयोग किया जा सके। हितग्राहियों ने कहा कि सरकार मुफ्त अनाज तो दे रही है लेकिन उसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रही है। इस संबंध में जिला खाद्य विभाग कीं अधिकारी राजू कटोलकर से मोबाइल पर चर्चा करना चाहा लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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