जीवन जीने की कला सिखाती श्रीमद भागवत कथा/पं हरिनारायण शास्त्री
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
सांचेत समीपस्थ ग्राम सिरसौदा में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार को कथा व्यास पंडित हरिनारायण शास्त्री ने सुनाया जीने की कला सिखाती श्रीमद् भागवत कथा ग्राम सिरसौदा मां वैष्णो देवी मित्र मंडल द्वारा आयोजित कथा का आयोजन हो रहा है इसके तहत संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा सुनाई जा रही है। इसके चौथे दिन शनिवार को कथावाचक पंडित हरिनारायण शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है।
इस दौरान कृष्ण जन्म का व्याख्यान शुरू होते ही पूरा पांडाल जय हो नंद लाल की-हाथी घोड़ा पालकी से गुंजायमान हो गया। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में श्रद्धालु झूमते दिखाई दिए। पंडित हरिनारायण शास्त्री ने कहा कि कारागार में वासुदेव-देवकी के भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ था।
इसलिए नंदगांव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया और अपने माता-पिता को कारागार से छुड़वाया। उन्होंने कहा कि जीवन में अच्छे बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ जेल के ताले टूट गए। पहरेदार सो गए। वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है।
कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। इसीलिए जीवन में प्रभु भक्ति बहुत जरूरी है क्योंकि प्रभु भक्ति ही जीवन का आधार है। विनय ने कहा कि कथा सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से मिलता है। मनुष्य को जीवन परमात्मा ने दिया है लेकिन जीवन जीने की कला हमें सत्संग से प्राप्त होती है। इस अवसर पर समस्त पटेल परिवार सहीत समस्त ग्रामवासी और छेत्र के भक्तगण मौजूद रहे