फ्रांस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार डिजाइन कॉन्टेस्ट में पहला स्थान मिला
छिंदवाड़ा। देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। इसको सही साबित किया है पांढुर्णा के मोरडोंगरी में रहने वाले देवाशीष देशमुख ने। इस युवा इंजीनियर ने विदेश में जाकर भारत के साथ छिंदवाड़ा का नाम रोशन कर दिया। फ्रांस में जाकर इस युवा इंजीनियर ने ऐसा काम कर दिया की अंग्रेज उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। इसके साथ ही इंटर्नशिप का ऑफर दे दिया।
दरअसल, स्वीडन यूरोप में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पोलस्टार डिजाइन कॉन्टेस्ट 2022 में इस युवा इंजीनियर की तैयार कार डिजाइन को पहला पुरस्कार मिला है। इस कॉन्टेस्ट में पोलस्टार सिनर्जी ने प्रथम विजेता देवाशीष के साथ दूसरे विजेता स्वपनिल देसाई (मुंबई) और तीसरे विजेता यिंगझियांग ली (चाईना) के नाम प्रदर्शित किए। कंपनी ने अपनी ऑफिसियल बेवसाईट पर इस युवक और उसके साथी को सम्मान देने के साथ कार को निर्मित किया और उसमें भारतीय झंडा भी लगाया है।
छोटे से गांव में की पढ़ाई और पहुंच गए फ्रांस
मोरडोंगरी निवासी हंसराज देशमुख का पुत्र देवाशीष शुरुआत से ही पढ़ाई में अव्वल था। कक्षा पहली से आठवीं तक पांढुर्णा के रामशांति स्कूल में पढ़ाई करने के बाद देवाशीष आगे की पढ़ाई करने के लिए नागपुर चले गए थे। इसके बाद वहां से वो कार डिजाईनिंग में बैचलर की डिग्री लेने के लिए पूना चला गया। देवाशीष ने पुणे में कार डिजाइन से बीटेक करने के बाद फ्रांस से एमटेक डिग्री हासिल की।
दोस्त की मदद से बनाई कार
फ्रांस के पेरिस में देवाशीष ने अपने एक मुंबई के मित्र स्वप्निल देसाई के साथ एक कार को डिजाइन किया। दोनों की एकसाथ मिलकर रेसिंग कार डिजाइन की। देवाशीष और स्वप्निल की डिजाइन को मिलाकर पेरिस की कार कंपनी पोलो ने एक रेसिंग कार तैयार की है। इस कार को बीते दिनों वहां एक प्रदर्शनी में लॉच किया गया।
कंपनी ने कार में लगाया भारत का झंडा
बड़ी बात ये है कि पोलो कार कंपनी इलेक्ट्रॉनिक कार निर्माता कंपनी है। जिसने ये रेसिंग कार इन बच्चों की डिजाइन पर बनाया है। साथ ही इस कार में भारतीय ध्वज (Indian flag) भी लगाया गया है और अपनी ऑफिसियल वेबसाईट पर दोनों छात्रों का नाम दर्शाकर उन्हें सम्मानित किया है। अब दोनों वहां इंर्टनशिप करने की तैयारी में है।