हैवानियत की हद पार, तालिबानी हरकत के बाद FIR दर्ज
रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनगंवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत हिनौता कोठार गांव में सड़क विवाद पर दो महिलाओं के ऊपर मुरुम डालकर उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई है। दोनों महिलाओं का कहना था की यह उनके पट्टे की जमीन है। जिसके बाद एक हाइवा मुरूम डालकर दोनों को दबा दिया गया। एक महिला के गले तक को एक के कमर तक मुरुम डाली गई थी। मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा है। वहीं, पुलिस ने भी शिकायत दर्ज की है। मामले में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है। एक को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दो अभी फरार हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं पर मुरूम में दबाने के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है। इसमें डंफर चालक प्रदीप कोल को गिरफ्तार किया गया गया है। जबकि दोनों महिलाओं के रिश्ते में ससुर लगने वाले गोकरण पाण्डेय और भतीजे विपिन पाण्डेय अभी फरार हैं। पुलिस ने डंफर को जब्त कर लिया है। अधिकारियों ने कहा वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिसमें और भी आरोपी बढ़ सकते हैं।
क्या है मामला ?
जिले के मनगवां थाना क्षेत्र के हिनौता गांव में पट्टे की जमीन पर जबरन सड़क बनाई जा रही थी। सड़क बनाने का दो महिलाओं ने विरोध किया। जिसके बाद दबंगों ने उनके ऊपर एक हाइवा से मुरुम डालकर उनका जिंदा दफनाने की कोशिश की। एक महिला के गले तक तो दूसरी के कमर तक मुरुम डाल दी गई। जिससे एक महिला बेहोश हो गई। हालांकि इसके बाद भी महिलाएं सड़क बनाने का विरोध करती रहीं।
डेप्युटी सीएम ने कही कार्रवाई की बात
वहीं, इस मामले में एमपी के डेप्युटी सीएम और रीवा विधानसभा सीट से विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वाले आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। कड़ी कार्रवाई होगी।
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
अब इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। एमपी कांग्रेस ने सीनियर नेता अरुण यादव ने कहा- रीवा जिले के मनगवां थाना क्षेत्र के ग्राम हिनौता का दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है। जहां महिलाओं द्वारा अपनी जमीन पर सड़क बनाने का विरोध किया तो दबंगों ने महिलाओं को मुरुम के नीचे दबा कर जिंदा दफनाने का प्रयास किया। भाजपा की सरकार में माफ़ियाओं का बोलबाला है, दलित, आदिवासी, महिलाओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।