window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-VQJRB3319M'); करोड़ों की जिला अस्पताल बिल्डिंग की मरम्मत का बजट सिर्फ कागजों में,डॉक्टर मरीज औऱ नर्सें खतरे के साए में क्योंकि जिम्मेदार अधिकारी हैं कि मानते नहीं - MPCG News

करोड़ों की जिला अस्पताल बिल्डिंग की मरम्मत का बजट सिर्फ कागजों में,डॉक्टर मरीज औऱ नर्सें खतरे के साए में क्योंकि जिम्मेदार अधिकारी हैं कि मानते नहीं

करोड़ों की जिला अस्पताल बिल्डिंग की मरम्मत का बजट सिर्फ कागजों में,डॉक्टर मरीज औऱ नर्सें खतरे के साए में क्योंकि जिम्मेदार अधिकारी हैं कि मानते नहीं

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

रायसेन।शासकीय जिला अस्पताल की करोड़ों रुपये की लागत से बिल्डिंग का निर्माण किया गया था।एक साल पूरी भी नहीं हुई कि महिला ओटी की छत का मलबा अचानक भरभरा कर नीचे जा गिरा।इस हादसे में एक एएनएम नर्स जख्मी हो गई थीं।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कुछ दिनों के लिए सीजर ऑपरेशन पर रोक लगा दी थी।छत का अचानक मलबा गिरने की वजह भवन के घटिया निर्माण बताया गया।इससे अधिकारियों ने मानो कोई सबक नहीं लिया।
बजट के अभाव में रिनोवेशन काम ठप
बजट के अभाव में जिला अस्पताल के कई रिनोवेशन काम पर ब्रेक लगा हुआ है।फिलहाल अभी जो कार्य चल रहे हैं वह रोगी कल्याण समिति के मद से कराए जा रहे हैं।युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष हर्ष वर्धन सोलंकी मीडिया प्रभारी जावेद अहमद खान का कहना है कि जिला अस्पताल में दर्जनों टीनशेड निर्माण से लेकर डॉक्टरों के ओपीडी कक्ष निर्माण आदि कार्य रोगी कल्याण समिति के मद से कराए जा रहे हैं।कलेक्टर इस आरकेएस समिति में पदेन चैयरमैन होते हैं।निर्माण कार्य की वास्तव में जांच होना चाहिए.रोगी कल्याण समिति के फंड की जांच होना चाहिए।
इनका कहना है
इस बार स्वीकृति तो मिल गई है, लेकिन बजट नहीं मिला है। इसी कारण हम काम शुरू नहीं करवा पा रहे हैं। हॉस्टल से लेकर वार्ड तक बंद पड़े हैं। जैसे ही बजट आएगा हम काम शुरू करवा देंगे।डॉ अनिल ओढ़ सिविल सर्जन रायसेन
ऐसे समझें मरम्मतत का गणित
पिछले वित्तीय वर्ष 5 करोड़ रुपए का बजट मरम्मत के लिए मिला था। इस बार 4.5 करोड़ रुपए के बजट की कागजी स्वीकृति मिल चुकी लेकिन यह राशि खाते में नहीं आई। ऐसे में किसी भी प्रकार के सुधार की कोई उम्मीद ही नहीं है।एसके मिश्रा
अस्पताल के जर्जर भवनों में मजबूरी में बैठ रहे डॉक्टर-नर्सिंग स्टाफ
नर्सिंग स्टाफ जहां ड्यूटी करते हैं, वहां से पानी टपकता है। मरीजों के वार्ड के प्लास्टर गिर चुके हैं और अब डॉक्टर जहां रहते हैं वह क्वार्टर भी सुरक्षित नहीं है। इसके बाद पूरे मेडिकल सिस्टम में जर्जर होते भवनों की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। दरअसल सरकार ने मरम्मत का बजट कागजों में दे दिया। लेकिन खाते में नहीं। पीआईयू के जरिए नए प्रोजेक्ट शुरू किए थे उनमें टोकन राशि देने के बाद पूरा पैसा ही रोक लिया।
पहले देखते हैं…कहां-कहां बदहाली है
जिला अस्पताल में जिस एएनएम पर मलबा गिरा और ओटी की छत का मलबा गिरा। कई सालों से वहां मरम्मत तक नहीं हुई। न्यूरो सर्जरी वार्ड का नया और पुराना दोनों ही ब्लॉक जर्जर हो चुका है।

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