3 सदस्यों की रेस्क्यू रोबोट टीम पहुंची सीहोर
सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के मुंगावली गांव में बोरवेल में गिरे मासूम सृष्टि को बचाने की मुहिम जारी है। आर्मी अलग-अलग टेक्निक्स का इस्तेमाल कर बच्ची को बाहर लाने में जुटी हुई है। दूसरी तरफ पैरेलल खुदाई का काम भी जारी है। इमरजेंसी बोरवेल रेस्क्यू रोबोट की टीम भी सीहोर पहुंच गई है। अब रोबोट के जरिये सृष्टि को निकालने की कोशिश की जाएगी।
सीहोर के मुंगालिया गांव में पिछले 40 घंटे से ढाई साल की सृष्टि को बचाने की कवायद जारी है। सृष्टि खेलते खेलते बोरवेल तक जा पहुंची थी और गड्डे में गिर गई।
जिस समय यह हादसा हुआ वो करीब 29 फीट की गहराई में फंसी हुई थी। पोकलेन की मदद से बोरवेल के समानांतर गड्डे को खोद कर उस मासूम तक पहुंचने की कोशिश हो रही है। लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ”मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे सृष्टि नाम की बच्ची बोरवेल में गिरी थी और तभी से उसे बचाने के प्रयास चल रहे हैं। शुरुआत में वह बोरवेल में करीब 40 फीट की गहराई में फंसी थी, लेकिन उसके बचाव अभियान में लगी मशीनों के कंपन के कारण, वह लगभग 150 फीट और नीचे खिसक गई, जिससे कार्य और कठिन हो गया। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के लिए सेना की एक टीम को बुलाया है, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (SDERF) की टीमें पहले से ही लड़की को बचाने के लिए काम कर रही हैं।
क्या है पूरा मामला
- 100 फीट की गहराई में फंसी है सृष्टि
- बोरवेल की गहराई 300 फीट
- पहले 29 फीट की गहराई पर थी
- 40 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन
- राजस्थान और महाराष्ट्र के विशेषज्ञों से ली जा रही है मदद
रेस्क्यू ऑपरेशन में जेसीबी और पोकलेन मशीन
इस बीच, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि बोरवेल में एक पाइप के जरिये लड़की को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।फिलहाल करीब 12 जेसीबी और पोकलेन मशीनें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना की एक टीम भी मौके पर पहुंच गई है और बचाव अभियान में शामिल हो गई है।उन्होंने कहा कि सीएम चौहान और अधिकारियों की एक टीम बचाव अभियान की निगरानी के लिए जिला अधिकारियों के संपर्क में है। राज्य के गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कठोर चट्टानों की मौजूदगी बचाव अभियान में बाधा पैदा कर रही है.