मासेर करमोदिया की चरोखर भूमि जमींदार और रसूखदार किसान अतिक्रमण कर निगल गए गौवंश चारे घास के लिए पहाड़ियों में भूखे प्यासे भटक रहे
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
रायसेन।कभी एक जमाना था जब गांव गांव चरोखर की जमीन हुआ करती थी।जहां गुठान में सुबह शाम गांव के मवेशियों के झुंड थोड़ी देर ठहर कर जंगल की तरफ घास चारा चरने चले जाते थे।लेकिन मौजूदा समय में गांव के रसूखदार अतिक्रमणकारियों द्वारा गुठान और चरनोई की जमीन को निगल लिया है।इतना ही नहीं कचिया मशान और शमशान घाट की जमीन को हड़प कर बड़े किसान खेतीबाड़ी कर रहे हैं।पशु पालकों द्वारा कलेक्टर अरविंद दुबे रायसेन एसडीएम मुकेश कुमार सिंह से चरनोई और गुठान की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने की अविलंब मांग की है।
तहसील रायसेन के पहन 46 करमोदिया पटवारी लखन वर्मा के चरोखर जमीन (85) कहां गई।नियम विरुद्ध एक समाज और मुस्लिम समाज के लोगों के पट्टे बनवा दिए गए हैं।सन1975-76 का चरोखर जमीन करमोदिया का रिकॉर्ड।जमींदारों द्वारा मोटी रकम अधिकारी पटवारियों ने नियम विरुद्ध पट्टों की बंदरबांट हो गई।पट्टे नियम विरुद्ध बने हैं।यह पट्टे जांच के बाद निरस्त किए जाएं।
2.10,12 पट्टे की रजिस्ट्री हो गई।नियम विरुद्ध 84/2/4 / पट्टा रजिस्ट्री लईक पिता रईस खान चिकलोद ने तहसीलदार पटवारी की मिलीभगत से करवा ली गई।शिकवा शिकायत मिलने पर पट्टे की जमीन निरस्त कर दी थी।लेकिन कलेक्टर ने फिर से पट्टा बना दिया।किसान भैरों बंजारा पिता शोभाराम की 4 एकड़ पट्टे की जमीन को अल्ली के किसान मुन्ने खान ने अपनी पत्नी के नाम जमीन करवा ली।भैरों बंजारा की विधवा पत्नी परेशान हैं।बुजुर्ग महिला कलेक्टर तहसीलदार एसड़ीएम को सैकड़ों अर्जियां दे चुकी। बही पट्टे छुड़ा लिए मिल रहीं जान से मारने की धमकियां।